रायपुर। छत्तीसगढ़ में सप्ताह भर से बिगड़े मौसम ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की चना, अलसी, मसूर की फसल चौपट हो गई है। कई इलाकों में गेहूं को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं इससे मसालों, फलों और सब्जियों की खेती पर  भी असर पड़ा हैं। किसानों की चिंता कम करते हुए सरकार ने जिला कलेक्टर को जल्द से जल्द खेतों का सर्वे करवाने का निर्देश दिया है। कलेक्टरों से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट तलब की गई है।

छत्तीसगढ़ के रायपुर, भाटापारा, मुंगेली, कवर्धा, राजनांदगांव, बेमेतरा, दुर्ग में रबी की फसल बहुतायात में उगाई जाती है। है। इन इलाकों में चना, मसूर, अलसी को ज्यादा नुकसान हुआ है। वहीं कई अन्य देसी उपज जैसे  लाख-लाखड़ी, तिवड़ा, उतेरा की फसल भी चौपट हुई है। राहत की बात है कि गेहूं को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। कृषि मंत्री के आदेश के बाद कृषि और उद्यानिकी विभाग का मैदानी अमला और राजस्व विभाग का अमला एक्टिव होने लगा है।

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यह अमला मैदानी स्तर पर फसलों को हुए नुकसान का आंकलन करेगा। इसके बाद फसलों की बीमा की राशि तय होगी। किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र याने RBC के तहत राशि का आवंटन किया जाएगा। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है कि पिछले साल किसानों को फसल बीमा प्रीमियम से कई गुना ज्यादा बीमा राशि का भुगतान किया गया था। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस साल भी किसानों को रबी की फसलों के नुकसान की भरपाई बीमा की राशि की जाएगी।