रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों में मानव तस्करी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जशपुर की दो लड़कियों को अगवा करके बेचने का मामला सामने आय़ा है। दिल्ली में नौकरी का झांसा देकर दोनों को अगवा किया, फिर दिल्ली ले जाकर बेच दिया। दोनों लड़कियों को अलग-अलग इलाकों में नौकरानी के काम पर लगा दिया। इसके लिए मोटी रकम ऐंठी गई। इन लड़कियों में से एक नाबालिग बच्ची भी है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दोनों लड़कियों को उनके परिजनों को सौंप दिया है।

लड़कियों के पिता ने थाने में दर्ज शिकायत में बताया था कि उनकी बेटियां घर से लापता हैं, जिसके बाद मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उनका पता लगाया। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर उन्हें खोजा है, जशपुर से दिल्ली गई टीम को लड़कियां दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से बरामद किया है। लापता नाबालिग किशोरी को आरोपी ने आनंद विहार हरिनगर में और 21 साल की युवती को आजादपुर इलाके से खोजा है। इस कामयाबी में साइबर सेल का भी योगदान है। जशपुर पुलिस टीम ने अगवा की गई दोनों लड़कियों को सुरक्षित उनके परिजनों को सौंप दिया है। लड़कियों ने बताया है कि आरोपी ने काम दिलाने का झांसा देकर पहले रांची ले गया वहां से दिल्ली में दो घरों में बेच दिया। घरों में दोनों से घरेलू काम करवाया जाता था। इसके लिए आरोपी ने सारे पैसे खुद ही ले लिए थे, उन्हें कुछ भी नहीं दिया जाता था।

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45 वर्षीय आरोपी महेश यादव ने गांव के पंचायत में इस बात की जानकारी नहीं दी कि वह नौकरी लगवाने के लिए दोनों बहनों को दिल्ली ले जा रहा है। उसने गांव के पलायन रजिस्टर में भी उनके नाम दर्ज नहीं करवाए। आरोपी महेश के लिखाफ जशपुर के तपकरा थाना इलाके में मानव तस्करी, युवतियों का अपहरण समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।  यह पहला मौका नहीं है जब यहां मानव तस्करी के लिए लड़कियां ले जाई गई हैं। इससे पहले साल 2021 में जशपुर पुलिस ने मानव तस्करी के 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 8  पीड़ितों को बरामद कर घर पहुंचाया था।