भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व सीएम कमलनाथ ने जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान कोरोना वैक्सीन को टैक्स फ्री न किए जाने को लेकर कांग्रेस नेता ने हैरानी जताई है। कमलनाथ ने पूछा है कि एंबुलेंस पर 12 फीसदी जीएसटी लग रहे हैं, क्या यही है अच्छे दिन?



कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'इस कोरोना महामारी के संकट काल में देश भर से यह माँग निरंतर उठी कि कोरोना इलाज से जुड़ी वस्तुओं पर जीएसटी को तुरंत पूरी तरह से खत्म किया जायें लेकिन मोदी सरकार ने इस महामारी के पीक के दौरान इस माँग पर कोई निर्णय नहीं लिया और आज जब कोरोना की दूसरी लहर का असर देशभर से समाप्त होने की कगार पर है, संक्रमण दर बेहद कम हो चुकी है, कई ज़िले संक्रमण मुक्त हो चुके है, अस्पताल खाली हो चुके हैं, तब सरकार ने कोरोना इलाज से जुड़ी 17 वस्तुओं पर जीएसटी खत्म करने की बजाय उसे कम करने का निर्णय लिया है।' 





कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि, 'बड़ा ही आश्चर्य है कि जिस वक्त देश भर में लोगों को वैक्सीन लगना है, उस पर लगने वाली 5% जीएसटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है? वर्तमान प्रावधान की गयी जीएसटी की दरो के अनुसार रेमड़ेसिविर इंजेक्शन पर 5%, कोविड के उपयोग में आने वाली दवाओं पर 5%, टेस्टिंग किट पर 5%, मेडिकल ऑक्सीजन व कंसंट्रेटर पर 5%, वेंटिलेटर-बाईंपैप पर 5%, पल्स ऑक्सीमीटर-सैनिटाइजर- थर्मामीटर पर 5% जीएसटी अभी भी लगेगी। वही एंबुलेंस पर 12% जीएसटी अभी भी लगेगी? क्या यही अच्छे दिन है…?'



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दरअसल, कल GST काउंसिल यानी वस्तु एवं सेवा कर की 44वीं बैठक हुई। कांउसिल ने ब्लैक फंगस की दवाइयों को तो टैक्स फ्री कर दिया, लेकिन कोरोना वैक्सीन पांच फीसदी टैक्स वसूली जारी रहेगी। GST काउंसिल ने रेमडेसिविर इंजेक्शन, बीपी मशीन, ऑक्सीमीटर, पल्स मीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वेंटीलेटर पर GST12% से घटाकर 5% कर दी है। साथ ही एंबुलेंस पर GST में 16 फीसदी की छूट दी गई है। पहले एंबुलेंस पर 28 फीसदी GST लगता था जिसे कम करके 12 प्रतिशत कर दिया गया है। 



जीएसटी काउंसिल के इस फैसले को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। चूंकि, देश में लगातार यह मांग की ज रही थी कि स्वास्थ्य सेवाओं को टैक्स फ्री किया जाए। विपक्षी दलों से लेकर कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी केंद्र सरकार से यह मांग की थी। इसके बावजूद जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य सुविधाओं को पूर्ण तरीके से टैक्स फ्री न करने का निर्णय लिया है।