भोपाल। राजधानी भोपाल से लगे सेमरीखुर्द और मेंगराकलां गांवों में इनदिनों गैस पाइप लाइन बिछाने का काम तेजी से किया जा रहा है। जिसका विरोध गांवों में जमकर हो रहा है। दरअसल इस पाइप लाइन के कार्य से किसानों की धान की खड़ी फसल बरबाद हो रही है। धान की फसल के बीच में खुदाई करने के लिए मशीनों को खेतों में ले जाया जा रहा है, वहीं मजूदर भी घुस रहे हैं। जिससे फसल रौंदी जा रही है। किसानों की मेहतन फलने-फूलने के पहले ही खराब हो रही है।

दरअसल इनदिनों गुजरात के कांडला से उत्तर प्रदेश के गोरखुपर जिले तक LPG गैस लाइन बिछाने का काम हो रहा है। यह गैस लाइन भोपाल के विभिन्न गांवों से होकर गुजर रही है। इनदिनों किसानों की धान और सोयाबीन की फसल खेतों में लगी है। लेकिन इस LPG गैस पाइप लाइन बिछाने की वजह से खेतों में खड़ी फसलें उजड़ रही है। जिससे परेशान किसानों की लाख मिन्नतों के बाद भी उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है। अब पीड़ित किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।

भोपाल के किसानों का कहना है कि पहले मुआवजा दिया जाए। उसके बाद ही उनकी खड़ी फसलों के बीच से पाइप लाइन बिछाई जाए। परेशान किसानों ने बैरसिया एसडीएम से मामले में संज्ञान  लेने की मांग की है।  

 गुजरात से उत्तर प्रदेश तक बिछाई जाने वाली गैस पाइप लाइन भोपाल समेत मध्यप्रदेश के सैकड़ों किसानों के खेतों से होकर गुजरेगी। इसका काम तो शुरु किया जा चुका है। लेकिन किसानों को भू-अधिग्रहण का मुआवजा नहीं दिया गया है। किसानों का आरोप है कि अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं कि काम पूरा होने के बाद किसानों को मुआवजे की रकम मिल जाएगी।