सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में सोयाबीन की फसलों को हुए नुकसान को लेकर किसान काफी गुस्से में हैं। इसकी बानगी गुरुवार को दिखी जब किसानों ने सोयाबीन की अपनी खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चला दिया। किसानों की नाराजगी की प्रमुख वजह बीमा कंपनियां हैं। किसानों का कहना है कि बीमा कंपनियां सर्वे के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी कर रही हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में प्राकृतिक प्रकोप के चलते सोयाबीन की फसलों काफी नुकसान हुआ है। बर्बाद हुईं सोयाबीन की फसलें खेतो में सूख चुकी हैं, जिससे हजारों खर्च कर सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों का बुरा हाल। किसान रो रहा है, पर बीमा कंपनियां कुछ मदद नहीं कर रही हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्राकृतिक आपदा के चलते लाड़कुई क्षेत्र में सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। फसल बीमा योजन के तहत सोयाबी किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए, लेकिन बीमा कंपनियां का रैवये से नाराज किसानों ने गुरुवार को अपने खेतों में खड़ी सोयाबीन फसल पर ट्रैक्टर व कल्टीवेटर चला दिया।
सोयाबीन फसल की बोवनी सहित अन्य संसाधनों पर प्रत्येक किसान ने हजारों रुपए की राशि खर्च की थी, लेकिन मौसम ने किसानों की मेहनत पर पूरी तरह पानी फेर दिया। नतीजा यह है कि सोयाबीन फसल में फली नहीं बैठ पाने के कारण किसानों को अपने खेतों को खाली करना पड़ रहा है।
खेतों में ट्रैक्टर चलाने वाले किसानों का कहना है कि सरकार और बीमा कंपनी सिर्फ किसानों को गुमराह कर रही है, खेतों में सर्वे टीम नहीं पहुंच रही है और फसल की क्षति का आकलन भी सही नहीं हो रहा है। ऐसे में किसानों को उनकी बर्बाद फसल का सही मूल्य भी नहीं मिल पाएगा।