ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल क्षेत्र में किसानों को अपनी फसल सहकारिता समितियों को बेचना भारी पड़ गया है। इन समितियों ने किसानों को फसल तो ले ली, लेकिन भुगतान अब तक नहीं किया। किसानों ने बाजरे और मक्के की फसल सहकारी समितियों को बेची थी। लेकिन काफी समय गुजर जाने के बावजूद भुगतान के नाम पर कुछ नहीं मिला। 

कांग्रेस ने किसानों की इस बदहाली पर शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर के जरिए सरकार पर हमला करते हुए कहा है, "ग्वालियर-चंबल के किसान परेशान, तीन माह से मक्के-बाजरे का भुगतान नहीं; शिवराज जी, भिंड और मुरैना के किसानों से किस बात का बदला..? “शवराज का जंगलराज”

फसल का भुगतान नहीं पाने वाले किसानों की संख्या सैकड़ों में हैं। उन्हीं किसानों में से कुछ किसानों से एक स्थानीय अख़बार ने बात की है। शिवपुरी के रामपाल सिंह ने अपना चना अप्रैल 2020 में मुहासा सोसायटी में बेचा था। फसल बेचे हुए अब एक साल होने को हैं लेकिन भुगतान ठन ठन गोपाल ही हुआ है। कुछ यही हाल क्षेत्र के बाकी किसानों का भी है। 

मुरैना के किसानों ने तो भुगतान न किए जाने को लेकर हड़ताल करने की खुली धमकी दे दी है। मुरैना के किसानों ने बीते 5 दिसंबर को अपने बाजरे की फसल अंबाह सोसायटी में को बेची थी। लेकिन आज तक उन्हें फसल पर भुगतान नहीं मिला। अब फसल का भुगतान न होने के कारण परेशान किसानों ने ज़िला प्रशासन को भूख हड़ताल करने की धमकी भी दे दी है।  हालांकि भिंड के कलेक्टर वीरेंद्र सिंह रावत का दावा है कि भिंड ज़िले में मक्का और बाजरे के ज़्यादातर किसानों का भुगतान हो चुका है। लेकिन अगर कुछ किसान किसी कारणवश छूट गए किसानों को जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा।