संसद में पारित हो चुके विवादित कृषि विधेयकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का पारित होना 21 वीं सदी के भारत के लिए जरूरी था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये नए विधेयक किसानों के खिलाफ नहीं है और एमएसपी के साथ-साथ मंडी व्यवस्था भी बनी रहेगी। प्रधानमंत्री ने यह बातें बिहार में 9 राजमार्ग प्रोजेक्ट की आधारशिला रखते हुए कहीं। 

उनका यह बयान एक ऐसे समय आया है जब संसद में विपक्ष इन नए विधेयकों के खिलाफ हंगामा मचाए हुए है और दूसरी तरफ पंजाब और हरियाणा के किसान सड़कों पर आ चुके हैं। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग किसानों को भटकाने और भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि किसान उनके हाथों से फिसले जा रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कल दो कृषि विधेयक संसद में पारित हो गए है। इसके लिए मैं अपने किसान भाइयों को बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में यह परिवर्तन वक्त की जरूरत है और हमारी सरकार ने ये सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों से किसानों के हाथ बंधे हुए थे और लोग किसानों का फायदा उठा रहे थे, इसलिए ये बदलाव करना जरूरी था। 

Click: Rahul Gandhi सरकार ने निकाला किसानों की मौत का फरमान, लोकतंत्र शर्मिंदा

इससे पहले राज्य सभा में विधेयकों के पारित हो जाने पर पीएम मोदी ने कहा था कि दशकों से किसानों का शोषण बिचौलियों के हाथों हो रहा था। इन विधेयकों ने किसानों को आजाद कर दिया है। अब किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। किसान अब संपन्न हो जाएंगे। 

इस मौके पर पीएम मोदी ने यह भी कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं और फिर कहूंगा कि एमएसपी की व्य्वस्था बनी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा करने के लिए हैं। उनकी सहायता करने के लिए जो भी संभव होगा हम करेंगे।”

Click: Farmers Protest किसानों के साथ आए जेजेपी के दो विधायक, कृषि विधेयकों का विरोध

इससे पहले 20 सितंबर को इन विधेयकों पर रज्य सभा में बहस के दौरान बहुत हंगामा हुआ। विधेयकों पर विपक्ष ने मत विभाजन की मांग की। जिसे नजरंदाज करते हुए राज्य सभा के उपसाभापति ने विधेयकों को ध्वनि मत से पारित करा दिया। इसकी प्रतिक्रिया में विपक्षी दलों ने उप सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे राज्य सभा के सभापति ने खारिज कर दिया। सभापति ने विपक्ष के आठ सांसदों को भी एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया है।