रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, अंबिकापुर, भिलाई, दुर्ग समेत कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। अचान मौसम में हुए इस बदलाव की वजह से किसानों की धान की फसल भीग गई है। बड़ी संख्या में किसानों की धान की फसल खेतों में काटने के लिए पड़ी है। वहीं बहुत से किसानों की फसल खलिहान में खुले रखी हुई है। इस बिना मौसम की बारिश की वजह से किसानों की घान खराब होने की आशंका है। किसानों का कहना है कि धान भीगने से उनकी फसल के दानों की क्वालिटी खराब होने की आशंका है। जिससे उनकी धान बिक्री में परेशानी आ सकती है। भीगने से दाने टूटे हुए आएंगे और इन्हें कोई अच्छे दाम में खरीदेगा नहीं।

वहीं इस बिना मौसम बरसात के बारे में मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यहा एक दो दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। बुधवार-गुरुवार के बाद ही मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। बंगाल की खाड़ी में हुए बदलावों और नए सिस्टम और नम हवाओं के कारण प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसी वजह से कई इलाकों में बारिश का दौर देखने को मिला।  24 नवंबर के बाद से ठंड बढ़ने के आसार है। वहीं रायपुर भिलाई समेत कई जिलों में बादल छाए रहने और तापमान बढ़ने के आसार है।

इस बीच छत्तीसगढ़ में धान कटाई करने वाले किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। धान की कटाई के बाद गहाई के पहले ही खलिहान में ही धान भीग गई है। कई इलाकों में रविवार रात में तेज बारिश हुई, जिससे खेतों में पानी भर गया। इस साल देर से मानसून आने और फिर देर से जाने की वजह से पहले से ही किसानों की धान की फसल देर से पकी है। उसपर इस बरसात की वजह से उन्हें बड़े नुकसान का अंदेशा है।  

दरअसल प्रदेश में युद्ध स्तर पर धान कटाई हो रही है। प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से धान खरीदी की जाएगी। इसी के मद्देनजर किसान अपनी फसल की कटाई में लगे थे। लेकिन बिगड़े मौसम ने किसानों की सारी योजना पर ही पानी फेर दिया