खंडवा। खरीफ सीजन में मध्य प्रदेश में यूरिया और डीएपी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। खाद की सप्लाई धीमी होने और डिमांड बढऩे के कारण वितरण केंद्रों में सुबह से कतार लग रही है। आलम है कि कई जिलों से खाद की बड़े स्तर पर कालाबाजारी की भी खबरें आ रही हैं। खंडवा से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां आदिवासी बहुल खालवा क्षेत्र में प्रशासन से कालाबजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। दरअसल, पुलिस ने खालवा बस स्टैंड से एक बोलेरो पिकअप को रोककर यूरिया की 80 से ज्यादा बोरियां बरामद की है। पुलिस ने जब वाहन चालक से खाद, यूरिया से संबंधित दस्तावेज मांगे तो वो कुछ भी नहीं दिखा पाया।

दरअसल, पुलिस ने खालवा इलाके में पहले भी नकली खाद बेचने के मामले सामने आएं हैं। हालांकि अवैध परिवहन पर पुलिस द्वारा शिकंजा भी कंसा गया था। लेकिन, व्यापारियों द्वारा बिना डर के लगातार इसकी सप्लाई की जा रही है। बुधवार सुबह कृषि विभाग के उर्वरक गुण नियंत्रण निरीक्षक गोरेलाल वास्कले ने खालवा थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उपसंचालक कृषि नितेश यादव ने बताया कि वाहन में हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड कंपनी की यूरिया मिली थीं। जिसे बिना लाइसेंस गैरकानूनी तरीके से परिवहन किया जा रहा था। 

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पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार खाद ट्रांसपोर्ट का ताजा मामला बोरेगांव बुजुर्ग के एक व्यवसायी द्वारा कराई गई। व्यापारी खाद को खुद ही बनाता और रात के समय किराए के वाहन लगाकर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में इसे पहुंचाता है। जिले के स्थानीय आदिवासों किसानों को कम पैसे का लालच देकर मिलावाटी खाद आसानी से बिक जाती है। अवैध परिवहन को पुलिस से छिपाकर एक जिले से दूसरे के लिए जिले भेजा जाता है। पुलिस ने पिछले वर्ष भी डीएपी से भरा एक ट्रक को जब्त किया था। वहीं वाहन ड्राइवर की पहचना मनोज, पिता गोकुल राठौर ग्राम निवासी सारोला तहसील पंधाना के रूप में हुई है। जांच के समय मांगने पर परिवहन के बिल और वाउचर नहीं दिखा पाया। उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया। जिनमें उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 7, आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा 1955 की (3)2(अ) समेत 7(2) लगाई गई हैं।