अक्सर बच्चों को पारंपरिक खाना पंसद नहीं आता है। सब्जियों से उनका छत्तीस का आंकड़ा होता है। ऐसे में अगर थोड़ा सा बदलाव करने पर उन्हें ट्रेडिशनल खाना भी पसंद आने लगे तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। आप ऐसा करके देखिए न सिर्फ टीनएजर्स को खाने में मज़ा आएगा, बल्कि उन्हें पूरा न्यूट्रीशन भी मिलेगा।



भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण याने FSSAI ने टीन एज बच्चों के खानपान में थोड़े बदलाव करने के टिप्स दिए हैं, जिन पर अमल करने से बच्चों में पोषण का ख्याल रखा जा सकता है, लेकिन इसके लिए पैरेंट्स को थोड़ी चतुराई से काम लेना पड़ेगा।







Fssai ने सही भोजन बेहतर जीवन नाम का कैंपेन चलाकर लोगों को सही खानपान की आदतें अपनाने को कहा है। उनकी ओर से कुछ टिप्स जारी की गई हैं जिससे खाना स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर हो सकता है। इन टिप्स में बच्चों को सब्जियों और फूड आइट्म को इस तरह पेश करके खिलाने का तरीका बताया गया है जिससे वे हर सब्जी खाने लगते हैं।



टीनएज में ली जाने वाली डाइट में विटामिन, फाइबर और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों भरपूर होना चाहिए। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के अनुसार खाने के साथ पानी की मात्रा भी पर्याप्त होना चाहिए। खाने में चीनी, नमक और तेल का उपयोग ज्यादा नहीं करना चाहिए। तला हुआ और गरिष्ठ खाना खाने से बचना चाहिए। इसकी जगह उबला हुआ या बेक्ड फूड आइट्म खाना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है।  





टीएजए बच्चों को रोटी और सब्जी अलग-अलग परोसने की जगह उसका रोल बना कर दिया जा सकता है। सब्जियों को रोटी के साथ रोल करें और उसमें घर पर बनी हरी या लाल चटनी के साथ सर्व करें। बच्चों को सलाद खाने की आदत डालना भी जरूरी है। इसके लिए भेल या फिर फ्रूट चाट एक बेहतर तरीका हो सकता है।



बच्चे जिन सब्जियों को पसंद नहीं करते उनका उपयोग ग्रेवी में किया जा सकता है। दाल और सब्जियों में आटा मिलाकर उनका पराठा भी परोसा जा सकता है। मैश किए हुआ कद्दू और लौकी को किसी भी ग्रेवी आइटम जैसे शाही पनीर, बटर चिकन में मिला दिया जाए तो उन्हें पता भी नहीं चलेगा और वे उन सब्जियों को बिना नाक भौं सिकोड़े आसानी से खा लेंगे।





जंक फूड़ खाने के शौकीन टीनएज बच्चों के लिए अगर आप पास्ता बना रही हैं, तो व्हाइट सॉस बनाते समय उसमें गोभी या लौकी को पीस कर मिला दें। इससे पास्ता में फाइबर और विटामिन्स की खूबियां शामिल हो जाएंगी और बच्चों को पता भी नहीं चलेगा कि इस व्हाइट सॉस में क्या डाला गया है।



टीन एजर्स हरी सब्जियों और दालों को देखकर भूख नहीं होने का बहाना बनाते हैं। उन्हें फास्‍टफूड बहुत पसंद आता है। फास्टफूड से पेट तो भर जाता है, लेकिन न्यूट्रीशन नहीं मिलते। किशोरावस्था उम्र का वह पड़ाव है जब उनका पूरा विकास होता है। अगर इस उम्र में पोषक तत्वों की कमी हुई तो उनका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। जिसका प्रभाव उनके शरीर के साथ उनकी पढ़ाई और करियर पर भी पड़ता है। इसलिए टीनएज बच्चों के लिए अच्‍छी डाइट लेना बहुत जरूरी है।  



खानपान की आदतों का सेहत पर सीधा असर होता है। हर उम्र में संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन जब बात टीन एजर्स की हो तो उनका खास ख्याल रखना पड़ता है। खानपान की सही आदत न होने या जंक फूड ज्यादा पसंद करने की वजह से या वक्त पर खाना नहीं खाने का उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए छोटे-मोटे बदलाव करके अगर सही पोषण दिया जा सके तो उन्हें कई परेशानियों से बचाया जा सकता है।