पीरिएड्स, जिनके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती। महिलाएं हो या लड़कियां इसके बारे में सब के सामने बात करने से बचती हैं। इसे लोकलाज कहें या अपनी सेहत की अनदेखी, लेकिन उन्हें कई बार गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अक्सर लड़कियों को महावारी याने पीरिएड्स के दौरान पेट दर्द याने क्रैंप्स की समस्या का सामना करना पड़ता है। पीरिएड्स शरीर में हार्मोनल परिवर्तन  की वजह से होते हैं। इस दौरान महिलाओं को खान-पान का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। बैलेंस डाइट लेना चाहिए, जिसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो, वहीं आयरन युक्त आहार का भी ध्यान रखना चाहिए।

पीरियड्स के दौरान खान पान को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हैं, जिन्हें लेकर लोगों में दुविधा की स्थिति बनी रहती है। इसी में से एक है कि क्या पीरिएड्स के दौरान खटाई, अचार या दही का सेवन करना चाहिए। इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि खटाई का पीरिएडस के दौरान होने वाले पेट दर्द से कोई वास्ता नहीं है। डाक्टर इसे कोरी अफवाह बताते हैं। उनकी माने तो महिलाओं के गर्भाशय को इस बात से किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पीरिएड्स में किस तरह खान पान रख रहे हैं। खटाई युक्त खाना खाने से पीरिएड्स के दौरान पेट दर्द में कोई इजाफा नहीं होगा। बल्कि अगर आप अपना पसंदीदा खाना खाते हैं तो आप मूड स्विंग से बच सकती हैं।

पेट में ऐंठन या क्रैंप के दौरान अगर किसी महिला का मन आम, नींबू, खट्टी कैंडी, या अचार खाने का करे तो उसे आराम से वह अपना पसंदीदा चीज खा सकती है। यह पेट दर्ज में इजाफा कतई नहीं करेगा, बल्कि अगर इन दिनों में अपना मन मारकर चीजों को खाना छोड़ देते हैं तो आपका मूड खराब हो सकता है।

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पीरिएड्स महिलाओं की सेहत का एक अहम हिस्सा है, इस दौरान उन्हें अपने खानपान को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। नहीं तो इससे उनकी सेहत पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ने लगता है। पीरिएड्स के दौरान उन चीजों को खाने से बचना चाहिए जिसकी वजह से अक्सर किसी का भी पेट खराब हो जाता हैं, या पेट में दर्द या पेटफूलने की समस्या हो। इस दौरान हाई कार्ब्स वाला खाना खाने से बचना चाहिए। अक्सर हाई कार्बोहाइड्रेटेड वाला खाना खाने से पेट फूलने लगता है। वहीं इनदिनों कैफीन का सेवन भी सीमित मात्रा में करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा चाय, काफी इनदिनों में दर्द को बढ़ा सकती है। इस दौरान केक और पेस्ट्री से भी बचना चाहिए, इनमें ट्रांसफैट ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। जिसकी वजह से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे गर्भाशय में दर्द की दिक्कत बढ़ सकती है।

पीरिएड्स के दौरान फैटी मीट से बचना चाहिए क्योंकि इनमें सैचुरेटेड फैट्स बहुत ज्यादा पाया जाता है। जिसकी वजह से कई महिलाओं के पेट में सूजन हो जाती है, और पेट दर्द बढ़ सकता है। इस दौरान कम फैटवाला, कम तलाभुना खाना लाभदायक होता है। इस दौरान प्रोसेस्ड फूड से भी परहेज करना चाहिए।