काबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। शुक्रवार को सीजफायर खत्म होने के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में एयर स्ट्राइक कर दिया। इस हवाई हमले में तकरीबन 37 नागरिकों की मौत हो गई और 425 से ज्यादा लोग घायल हुए। मारे गए लोगों में अफगानिस्तान के तीन क्लब क्रिकेटर कबीर, सिब्घतुल्लाह और हारून भी शामिल थे। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उनकी मौत की पुष्टि करते हुए नवंबर में पाकिस्तान में होने वाली ट्राई टी-20 सीरीज से नाम वापस ले लिया है।

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मैच खेलकर लौट रहे थे खिलाड़ी
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के मुताबिक, यह हमला पक्तिका प्रांत की राजधानी शराना में हुआ जहां ये तीनों खिलाड़ी एक फ्रेंडली क्रिकेट मैच खेलकर लौट रहे थे। हमले के दिन कबीर अपने गांव के टूर्नामेंट में मैन ऑफ द मैच बने थे। उनकी ट्रॉफी के साथ ली गई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। बोर्ड ने कहा कि यह हमला क्रिकेट और खेल की भावना पर सीधा प्रहार है।

पाकिस्तान में नहीं खेलेगा अफगानिस्तान
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस घटना के विरोध में नवंबर में होने वाली ट्राई-टी20 सीरीज से अपना नाम वापसर लेने की घोषणा कर दी है। यह टूर्नामेंट पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका के बीच खेला जाना था। इस सीरीज में अफगानिस्तान टीम को 17 और 23 नवंबर को पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने वाली थी। यह पहली बार होता जब अफगानिस्तानी क्रिकेट टीम पाकिस्तान की सरजमीं पर उसके खिलाफ मैदान में उतरने वाली थी। हालांकि, 2023 एशिया कप और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अफगानिस्तान ने पाकिस्तान में मैच खेले थे लेकिन तब उसकी भिड़ंत मेजबान टीम से नहीं हुई थी।

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अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान राशिद खान ने हमले को अनैतिक करार दिया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी हमलों में महिलाओं, बच्चों और उन युवा क्रिकेटरों की जान चली गई, जो अपने देश के लिए खेलने का सपना देखते थे। यह हमारे लिए गहरी त्रासदी है।” वहीं, टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी गुलबदीन नायब ने पाकिस्तान के इस हमले पर कहा, “यह हमला हमारे गौरव और स्वतंत्रता पर वार है, लेकिन यह अफगानिस्तान के जज्बे को कभी नहीं तोड़ पाएगा।”

पक्तिका से काबुल तक एयर स्ट्राइक के निशाने
एक अफगानिस्तानी न्यूज चैनल के मुताबिक, पाकिस्तान की हवाई कार्रवाई उर्गुन और बर्मल जिलों में हुई जहां कई घर तबाह हो गए। यह क्षेत्र डूरंड लाइन के पास स्थित है जो दोनों देशों की सीमा को विभाजित करती है। तालिबान प्रशासन ने दावा किया कि पाकिस्तान ने काबुल पर भी दो ड्रोन हमले किए। इन हमलों में एक घर और बाजार को निशाना बनाया गया। इस हमले में तकरीबन 5 लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हैं। हमले से एक स्कूल को भी भारी नुकसान पहुंचा। 500 से ज्यादा बच्चों वाला यह स्कूल बंद था लेकिन लौटने पर बच्चों और अभिभावकों की आंखें भर आईं। स्कूल के अधिकारी मोहम्मद सादिक ने कहा, “यह एक शैक्षणिक स्थान है, कोई सैन्य ठिकाना नहीं। इस स्कूल का क्या कसूर था?”

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पाकिस्तान बोला आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। वहीं, यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते अफगानिस्तान के 6 प्रांतों में पाकिस्तानी हमलों से 37 नागरिकों की मौत हुई और 425 लोग घायल हुए हैं।

पाक रक्षा मंत्री ने भारत पर लगाया आरोप
हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान दिया कि “तालिबान के फैसले दिल्ली से लिए जा रहे हैं।” उन्होंने अफगानिस्तान पर भारत के लिए प्रॉक्सी वॉर लड़ने का आरोप लगाया।
आसिफ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमें शक है कि यह सीजफायर टिकेगा नहीं। अगर पाकिस्तान को उकसाया गया, तो हम जवाब देंगे। हमारे पास पूरी सैन्य क्षमता है, लेकिन हम बातचीत के लिए भी तैयार हैं।”

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क्या है विवाद की जड़?
दोनों देशों के बीच चल रहा यह संघर्ष डूरंड लाइन विवाद की जड़ से जुड़ा है। यह सीमा ब्रिटिश काल में बनाई गई थी। ये पश्तून इलाकों को दो हिस्सों में बांटता है। दोनों तरफ के लोग इसे कभी स्वीकार नहीं करते। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते लगातार बिगड़ते गए हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर आतंकियों को पनाह देने और सीमा उल्लंघन का आरोप लगाते रहे हैं।