अगर आप भी ऐपल आईफोन के मुरीद हैं, तो यह खबर दुनिया इस मशहूर कंपनी पर आपके भरोसे को कमज़ोर कर सकती है। ऐपल ने 2016-17 के दौरान अपने पुराने आईफोन मॉडल्स में बैटरी की समस्या छिपाने के लिए ऐसे अपडेट किए थे, जिससे फोन की स्पीड स्लो हो जाए और यूजर की बैटरी अचानक बंद न हो। जबकि कायदे से एपल कंपनी को बैटरी बदलनी चाहिए थी। कंपनी की इस करतूत के बाद अब उसे मुआवजे के तौर पर 11.3 करोड़ डालर यानि करीब 839 करोड़ रुपये देने पड़ेंगे। कंपनी ये रकम अमेरिका के 33 राज्यों के साथ हुए सेटलमेंट के तहत अदा करेगी। 

ऐपल जैसी भरोसेमंद कंपनी पर ग्राहकों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगा है। दरअसल साल 2016 में ऐपल ने  अपने iPhone 6, iPhone 6s, iPhone 6s Plus, iPhone 7, iPhone 7 Plus और iPhone SE के लिए अपडेट जारी किया था। जिससे चिप की स्पीड पर असर पड़े, और डिवाइस की उम्र बढ़ाने वाली बैटरी फोन के प्रोसेसर को पावर स्पाइक्स न भेज पाए। ऐपल कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी। इस अपडेट के बाद पुराने सभी आईफोन की स्पीड कम होती गई। इस मामले में 33 अमेरिकी राज्यों और कोलंबिया ने कंपनी पर केस किए थे, जिनके तहत कंपनी भारी जुर्माना देने को तैयार हो गई है।  

इस मामले की शिकायत किए जाने पर कंपनी ने पहले तो यह सफाई दी कि फोन इस्तेमाल करने वालों को परेशानी से बचाने और बैटरी की वजह से फोन अचानक बंद न हों इसलिए उन्होंने ऐसा किया था। लेकिन अमेरिकी कोर्ट में कंपनी के खिलाफ भ्रामक जानकारी देने, सच्चाई छिपाने और लोगों को नए और महंगे आईफोन खरीदने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई। इसी मामले में अब कंपनी भारी जुर्माना अदा करने को तैयार हो गई है। आपको बता दें कि ऐपल इससे पहले मार्च में भी iPhone को स्लो करने के मामले में लेकर 500 मिलियन डॉलर का जुर्माना दे चुकी है। ऐपल से जुड़ी इस खबर से कंपनी के उन ग्राहकों को बड़ा धक्का लगा है, जो बरसों से iPhone समेत कंपनी के तमाम प्रोडक्ट्स की बेहतरीन क्वॉलिटी और विश्वसीयता के कायल रहे हैं।