भूटान ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें बताया गया था कि भूटान ने असम में सिंचाई का पानी रोक दिया है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने स्थिति को साफ करते हुए कहा कि पानी रोकने के आरोप आधारहीन हैं और यह भूटान एवं असम के लोगों के बीच गलतफहमी पैदा करने के लिए किया जा रहा है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि असम के बक्सा और उदलगुड़ी जिले कई दशकों से भूटान में मौजूद पानी के स्रोतों से लाभान्वित होते रहे हैं और ये वर्तमान के मुश्किल भरे समय में भी जारी है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लगे प्रतिबंधों की वजह से पानी आने के रास्ते में कुछ व्यवधान खड़े हुए जिन्हें अधिकारियों ने अब ठीक कर दिया है।



भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच 25 जून को आई यह खबर भारत के दृष्टिकोण से काफी चिंताजनक थी। क्योंकि चीन ही नहीं, नेपाल भी अपने नए नक्शे को लेकर भारत के लिए चिंताजनक स्थितियां पैदा किए हुए है।



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अपने फेसबुक पेज पर स्थिति को साफ करते हुए भूटान के विदेश मंत्रालय ने लिखा, “यह काफी चिंताजनक आरोप है और विदेश मंत्रालय यह साफ करना चाहेगा कि इस संबंध में प्रकाशित समाचार आलेख पूरी तरह से आधारहीन हैं क्योंकि अभी इस बात के लिए कोई कारण मौजूद नहीं है कि पानी का प्रवाह रोका जाना चाहिए। यह निहित स्वार्थों वाले लोगों का प्रयास है कि वे झूठी खबरें फैलाकर भूटान और असम के लोगों के दोस्ताना रिश्तों के बीच गलतफहमी पैदा करें।”



 





 



असल में इस सप्ताह की शुरुआत में असम अलग-अलग गांव के कई लोगों ने सिंचाई का पानी ना मिलने पर भूटान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।





इस पूरे मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने कहा, “असम में सिंचाई का पानी भूटान की पहाड़ियो से आता है। लेकिन बोल्डर्स की वजह से यह रुक गया था। हमने इस बारे में भूटान से बात की और पानी तुरंत छोड़ दिया गया। इसमें कोई विवाद नहीं है और यह कहना गलत होगा कि भूटान ने असम आने वाले पानी में रोक लगा दी।”