इन्दौर। मध्य प्रदेश का इन्दौर आवारा कुत्तों के आतंक से पूरी सहमा हुआ है। गली, मोहल्लों से लेकर बाजारों तक इनका खौफ बढ़ता जा रहा है। इन्दौर नगर-निगम इन्हें रोकने के लिए कई कोशिशें करता तो है, लेकिन फिर भी ये कुत्ते कहीं भी भटकते दिख जाते हैं। दरअसल, पिछले 6 महीने में शहर में कुत्ते काटने की कुल 26 हजार से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी है। औसतन 600 कुत्ते हर दिन लोगों पर हमला कर रहे हैं। दरअसल, बारिश के सीजन में कुत्तों के ब्रीडिंग सीजन होने के चलते इनकी आक्रमकता बढ़ जाती है। जिससे ये लोगों पर हमला कर देते हैं। 

शहर में माणिक बाग और वेंकटेश नगर इलाकों में आवारा कुत्तों ने छोटे बच्चों को काटा है। इस घटना ने आम जनता की मुसीबतें बढ़ा दी है। इन बच्चों को काटने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए हैं। इससे कुछ दिन पहले भी श्रीनगर एक्सटेंशन में एक कॉलेज छात्रा पर चार कुत्तों ने हमला किया था। छात्रा बुरी तरह जख्मी हुई थीं। इस घटना का सीसीटीवी काफी खौफनाक है। जिसके बाद ऐसी घटनाओं ने नगर-निगम के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं। आखिर आवारा कुत्तों पर निगम का नियंत्रण क्यों नहीं है। 

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इन्दौर नगर-निगम ने इस सिलसिले में कहा कि शहर में कुत्तों का डर बढ़ने लगा है। मीडिया खबरों के मुताबित, जनवरी से अभी तक शहर में कुल 26 हजार से ज्यादा डॉग बाइट्स के मामले है जो हैरान करने वाले हैं। इसको लेकर इन्दौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कुछ महीने पहले ही शहर के स्मार्ट सिटी कार्यालय में बैठक की थीं। उन्होंने कहा था कि कुत्ते काटने की समस्या सिर्फ इन्दौर की नहीं है बल्कि कई शहरों की है। सुप्रीम कोर्ट में इसके काफी मामले लंबित है। अधिकारियों ने जानकारी दी थीं कि इन्दौर में अधिकांश कुत्तों की नसबंदी हो चुकी है। वहीं 30 हजार कुत्तों की नसबंदी करना बाकि है।