अभिभावकों के एक समूह ने जुलाई में होने वाली सीबीएसई की परीक्षाओं के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीएसई की आगामी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। सीबीएसई द्वारा जुलाई में आयोजित होने वाली दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के खिलाफ अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में उन्होंने कोर्ट से बच्चों की जान जोखिम में डालने वाले इस फैसले को तत्काल रद्द करने की मांग की है। आईसीएसई, आईएससी परीक्षाओं को रद्द करवाने के लिए भी पालकों ने भी बाम्‍बे हाईकोर्ट की शरण ली है।  इससे पहले कई अन्य राज्यों मे भी अभिभावक परीक्षा रद्द करवाने के लिए कोर्ट का रुख कर चुके हैं। सरकार ने दसवीं और बारहवीं की बची हुई परीक्षाएं 2 -12 जुलाई के बीच आयोजित कराने को हरी झंडी दी थी।

दरअसल कोरोना के प्रकोप और देशव्यापी लॉक डाउन के कारण सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं भी स्थगित हो गई थी। ऐसे में सीबीएसई ने जुलाई महीने में दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के आयोजन की घोषणा की है। जिसके खिलाफ अभिभावकों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना है कि सीबीएसई का यह फैसला बच्चों की जान को जोखिम में डालने से कम नहीं है। हालांकि सीबीएसई ने परीक्षा केंद्रों में भी वृद्धि की है और साथ ही लॉक डाउन के दौरान दूसरे ज़िलों में प्रस्थान कर गए छात्रों को अपने परीक्षा केंद्र को चुनने की भी छूट दी गई है।

अभिभावकों ने AIIMS का दिया हवाला, कहा जुलाई में तो चरम पर होगा Corona

अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में एम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि जुलाई में तो कोरोना अपनी पीक पर पहुंच जाएगा। ऐसे में ज़्यादातर अभिभावकों के पास निजी वाहन नहीं है कि वे अपने बच्चों को परीक्षा केंद्र पर पहुंचा सकें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में संक्रमित होने का ख़तरा ज़्यादा रहेगा। अभिभावकों ने अपनी याचिका में कहा है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण सीबीएसई का परीक्षाएं आयोजित कराने का फैसला बच्चों की ज़िंदगियों से खिलवाड़ करने से कम नहीं है।

और भी जगह परीक्षाएं रद्द हुई हैं

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। तो वहीं अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को ऑनलाइन ही आयोजित करने का इरादा है। वहीं आईआईटी दिल्ली ने अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को छोड़ कर सभी परीक्षाएं रद्द कर दी है। महाराष्ट्र में भी अंतिम वर्ष समेत तमाम परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। इन सबका हवाला अपनी याचिका में देते हुए अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट से सीबीएसई की आगामी परीक्षाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। अन्यथा उनके बच्चों की जान जोखिम में पड़ जाएगी।