नई दिल्ली। चीन ने मिशन मंगल की तरफ एक बार फिर अपने कदम बढ़ा दिए हैं। चीन ने रोवर मिशन टू मार्स के तहत तिआनवेन 1 रॉकेट लॉन्च कर दिया है। इससे पहले चीन 2011 में भी हिंगहू 1 रॉकेट लॉन्च कर अससफल प्रयास कर चुका है। चीन ने दोबारा मंगल पर रॉकेट लॉन्च कर दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य मंगल के सतह पर मिट्टी की जांच करना होगा। 

गुरुवार को हैनियान प्रांत स्थित वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण केंद्र से वेंशांग स्पेसक्राफ्ट द्वारा 12:41 बजे देश के सबसे बड़े लॉन्च वीइकल मार्च-5 रॉकेट के जरिए तिआनवेन 1 को लॉन्च किया गया। इस अंतरिक्ष यान का वज़न लगभग 5 टन है। इसके फरवरी तक लाल ऑर्बिटर में पहुंच जाने की उम्मीद जताई जा रही है। बता दें कि तिआनवेन का अर्थ ' स्वर्ग से सवाल पूछना ' होता है।

इतने दिन लैंडिंग की कोशिश नहीं करेगा रोवर 

बताया जा रहा है कि मिशन मंगल पर भेजा गया रोवर तकरीबन दो से तीन महीने तक मंगल की सतह पर लैंड नहीं करेगा। ऐसा फैसला मंगल के हालात और वातावरण को समझने के लिए किया गया है। जिससे रोवर को सुरक्षित किया जा सके तथा उसे अन्य खतरों से बचाता जा सके।

बता दें कि भारत 2014 में मिशन मंगल में सफलता प्राप्त कर चुका है। 5 नवंबर 2013 को भारत ने भारत ने श्री हरिकोटा से रॉकेट लॉन्च किया था। जो कि 24 सितम्बर 2014 को इसका प्रक्षेपण सफल हो गया।मंगल पर पहुँचने के साथ ही भारत विश्व में अपने प्रथम प्रयास में ही सफल होने वाला पहला देश तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद दुनिया का चौथा देश है।