रूस भारत को 10 करोड़ कोरोना वैक्सीन सप्लाई करेगा। इस संबंध में  रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड और डॉक्टर रेड्डीज ग्लोबल फार्मासूटिकल कंपनी के बीच समझौता हुआ है। इस कंपनी का मुख्यालय भारत में है। दोनों के बीच वैक्सीन के ट्रायल में सहयोग करने का भी समझौता हुआ है। स्पूतनिक वी नाम की कोरोना वैक्सीन को रूस का गामलेया इंस्टीटूट विकसित कर रहा है। इसमें रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड की भी हिस्सेदारी है।

फंड की तरफ से एक बयान में कहा गया, "भारत में नियामक मंजूरी मिल जाने के बाद हम वैक्सीन के 10 करोड़ डोज सप्लाई करेंगे। स्पूतनिक वी वैक्सीन की सुरक्षा की पुष्टि हो चुकी है, फिलहाल इसके ट्रायल चल रहे हैं।"

फंड ने यह भी बताया कि सप्लाई 2020 के अंत से शुरू हो सकती है। हालांकि, यह पूरी तरह से ट्रायल और भारत में इसे नियामक मंजूरी मिलने पर निर्भर है। फंड ने कहा कि यह समझौता बताता है कि कोरोना वायरस के खिलाफ साझा सहयोग को लेकर देश कितने सजग हैं।

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इससे पहले इस महीने की शुरुआत में नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने बताया था कि रूस की सरकार ने स्पूतनिक वी के निर्माण और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए भारत से मदद मांगी है। आईसीएमआर भी कह चुका है कि वैक्सीन बनाने में रूस का इतिहास अच्छा है और हम उनके साथ काम करने को लेकर सकारात्मक हैं।