नई दिल्ली। यूके में अगले महीने कोरोना वैक्सीन के प्रयोग और उसकी शीघ्र उपलब्धता को लेकर एक नायाब ट्रायल होने जा रहा है। इंग्लैंड के तकरीबन 2500 लोग जानबूझकर कोरोना से संक्रमित होने जा रहे हैं। हालांकि इन लोगों को उनकी बेशकीमती दरियादिली के बदले 4 हज़ार पाउंड्स यानी चार लाख रुपए भी मिलेंगे। 

लंदन (जहां 2012 में ओलंपिक हुआ था) स्थित रॉयल फ्री अस्पताल में करीबन 2500 लोगों को जानबूझकर कोरोना पॉज़िटिव किया जाएगा। इसके बाद इन लोगों पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा। इसका उद्देश्य इस बारे में पता लगाना है कि आखिर वैक्सीन काम कर रही है या नहीं? 

जिन लोगों को कोरोना पॉज़िटिव किया जाना है उनकी उम्र 18 वर्ष से 30 वर्ष तक की है। चूंकि इस उम्र के वर्ग में कोरोना से मरने का खतरा कम है, लिहाज़ा इस परीक्षण में इसी उम्र वर्ग के लोगों को रखा गया है। लेकिन बावजूद इसके इन लोगों की दरियादिली काबिले तारीफ है। हालांकि इन लोगों को परीक्षण के लिए चार हजार पाउंड्स भी दिए जाएंगे, जो भारतीय रुपए के अनुसार चार लाख रुपए बैठता है।

लंदन में कोरोना पॉजिटिव होने जा रहे लोगों से बीबीसी ने बातचीत की है। ट्रायल में ज़्यादातर लोगों का यही कहना है कि अगर उनके ऊपर किया जाने वाला ट्रायल सफल होता है, तो ऐसी स्थिति में लाखों लोगों की ज़िंदगियां बचाई जा सकती हैं। लिहाज़ा इस ट्रायल का हिस्सा बन कर यह लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। 

दरअसल इस तरह के ट्रायल की शुरुआत रॉयल सोसायटी के ही और वैज्ञानिक एडवर्ड जेनर ने की थी। एडवर्ड जेनर ने अपने बगीचे में काम करने वाले को किसी वायरस से इसलिए संक्रमित कर दिया था ताकि वे यह पता कर सकें कि आखिर उनका टीका कारगर है या नहीं। यह घटना 18 वीं शताब्दी की बताई जाती है। जानकार बताते हैं कि यह प्रयोग काफी कारगर साबित होता आया है।