नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के मामले बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच रूस से एक राहत देने वाली खबर आई है। बताया जा रहा है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में रूस में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार हो जाएगी। मीडिया संस्थान ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस 10 से 12 अगस्त के बीच अपनी संभावित वैक्सीन को रजिस्टर करने की तैयारी कर रहा है और रजिस्टर होने के तीन से सात दिन के भीतर यह वैक्सीन प्रयोग के लिए उपलब्ध होगी। यह वैक्सीन मॉस्को के गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित की जा रही है। 

यह वही वैक्सीन है जिसके बारे में इस महीने की शुरुआत में कहा गया था कि इसने ह्यूमन ट्रायल के चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। टास न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस संभावित वैक्सीन ने जुलाई के दूसरे सप्ताह में ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण पूरा किया था, वहीं 13 जुलाई से इसने इस ट्रायल का दूसरा चरण शुरू किया था। एक संभावित वैक्सीन  को वैक्सीन का दर्जा मिलने के लिए तीन चरण का ट्रायल करना पड़ता है। इसमें कई महीने लग सकते हैं। बताया जा रहा है कि रूस बिना तीसरे चरण के ट्रायल के ही इस वैक्सीन को प्रयोग में लाना चाहता है। 

हालांकि, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संभावित वैक्सीन को कुछ शर्तों के साथ रजिस्टर किया जाएगा। यह केवल स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रयोग में ही आ सकेगी और साथ ही इसका तीसरे चरण का ह्यूम ट्रायल चलता रहेगा। बताया जा रहा है कि सितंबर से इसका उत्पानदन शुरू हो सकता है।

प्रथम चरण का ट्रायल एक छोटे समूह पर किया जाता है। यह कुछ महीने तक चल सकता है। दूसरे चरण में यह देखा जाता है कि वैक्सीन किस तरह की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न कर रही है। इस चरण में कुछ सौ लोगों पर इसका ट्रायल होता है। तीसरे चरण में एक बहुत बड़े समूह जिसमें कम से कम हजार से ऊपर लोग होते हैं, उनके ऊपर ट्रायल किया जाता है। इस चरण में वैक्सीन की सुरक्षा को आंका जाता है। इस चरण के ट्रायल में कई महीने लग सकते हैं। वैज्ञानिक लगातार जल्दबाजी में वैक्सीन जारी ना करने के लिए चेता रहे हैं।