अमेरिका में कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा दो लाख के पार हो गया है। यह दुनिया में सर्वाधिक है। आठ महीने पहले जब अमेरिका में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था, तब किसी ने ऐसा होने की कल्पना भी नहीं की थी। इस आंकड़े पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह बड़ी शर्म की बात है। हालांकि, ट्रंप एक बार फिर से अपने असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने से बाज नहीं आए। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी सरकार ने समय पर सही कदम ना उठाए होते तो यह आंकड़ा 25 लाख भी हो सकता था। 

दूसरी तरफ आगामाी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के प्रतिद्वंदी जो बाइडेन ने इन आंकड़ों पर अपना दुख जताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि यह इतना बुरा तो नहीं होना था। उन्होंने कहा कि यह एक चौकाने वाला आंकड़ा है और इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। बाइडेन ने कहा कि इस महामारी ने लाशों का अंबार लगा दिया है, जिसे भूला नहीं जा सकता। 

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने भी जो बाइडेन की आशंका  की पुष्टि की है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक अमेरिकी में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हर दिन लगभग 770 अमेरिकी अपनी जान गंवा रहे हैं और इस साल के अंत तक करीब चार लाख लोग कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अपनी जान गंवा सकते हैं।  यूनिवर्सिटी की एक पब्लिक हेल्थ रिसर्चर जेनिफर नजो ने कहा कि यह बहुत दुखी करने वाला है कि हम इस आंकड़े पर पहुंच गए हैं। 

बताया जा रहा है कि अमेरिका में कोरोना वायरस से मारे गए लोगों का यह आंकड़ा कहीं  ज्यादा बड़ा हो सकता है क्योंकि शुरुआत में कई मृतकों के मौत का कारण कोरोना वायरस नहीं माना गया। अमेरिका के बाद कोरोना वायरस से सबसे अधिक लोग ब्राजील में मारे गए हैं। लेकिन फिर भी अमेरिका का आंकड़ा ब्राजील से लगगभ 60 हजार अधिक है। 

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दूसरी तरफ ट्रंप अभी भी इस बर्बादी और दु:ख के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब चीन की वजह से हो रहा है और हमें इसे याद रखना होगा। संयुक्त राष्ट्र में दिए गए अपने भाषण में ट्रंप ने कहा कि चीन ने ही पूरी दुनिया को इस मुश्किल में डाला है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन पूरी तरह से चीन के इशारे पर काम कर रहा है।