देश कि मशहूर मेदांता अस्पताल और उसके चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहान के खिलाफ इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस फ़ाइल किया है। दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम स्थित चर्चित मेदांता अस्पताल पर सेक्टर 38 में फर्जीवाड़े कर 53 एकड़ भूमि हथियाने का आरोप है। यह मामला 2004 का है जब ग्लोबल हेल्थ कंपनी (मेदांता अस्पताल की मूल संस्था) पर सरकार द्वारा अलॉट की गई जमीन के दुरुपयोग का आरोप लगा था। अस्पताल ने बयान जारी कर इन आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है। ज्ञात हो कि मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान भारत के जानेमाने कार्डियोलॉजिस्ट हैं। उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

पांच दिन पहले हरियाणा पुलिस ने रमन शर्मा नामक एक आरटीआई एक्टिविस्ट के शिकायत पर मेदांता अस्पताल के चेयरमैन समेत 52 अन्य लोगों पर एफआईआर की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुरुआत में हरियाणा पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इंकार कर दिया था जिसके बाद शर्मा जिला न्यायालय गए थे। कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को मामले पर केस फ़ाइल करने का आदेश दिया था।

शिकायत में शर्मा ने मेदांता अस्पताल पर गुरुग्राम सहित अन्य राज्यों के परियोजनाओं में धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने शिकायत में कहा, 'मेदांता अस्पताल में एक मेडिकल कॉलेज, अनुसंधान केंद्र, नर्सिंग स्टाफ क्वार्टर, मरीजों और उनके परिजनों के लिए गेस्ट हाउस और कई अन्य सुविधाएं विकसित करने की परियोजना थी लेकिन इसके प्रोमोटर ने सिर्फ अस्पताल को विकसित किया है।'

मेदांता अस्पताल ने मामले पर बयान जारी कर इसे बेबुनियाद व झूठा आरोप बताते हुए उल्टे शिकायतकर्ता को हीं पैसा वसूली करने वाला बताया है। अस्पताल ने बयान में कहा, 'रमन शर्मा पर पूर्व में जबरन वसूली के आरोप लग चुके हैं। शर्मा ने इससे पहले ऐसे ही दो केस दिल्ली में फाइल किए थे, एक पटियाला हाउस कोर्ट में और एक दिल्ली हाईकोर्ट में। दोनों ही केसों को खारिज कर दिया गया और जज ने उनके आरोपों को 'अस्पष्ट और पूरी शिकायत में एक घटना की भी पूरी जानकारी नहीं होने' का कारण बताते हुए खारिज कर दिया था। दिल्ली में कोर्ट में फेल होने के बाद, वे गुरुग्राम में जिला कोर्ट चले गए।'

अस्पताल ने शर्मा पर गुरुग्राम जिला न्यायालय को गुमराह करने का आरोप लगाया है। अस्पताल प्रशासन ने कहा, 'शर्मा ने कोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया है कि इस मामले कि पहले जांच हो चुकी है और सारे आरोपों को आधारहीन पाया गया है। इस तरह उसने अदालत को अपने पक्ष में आदेश पारित करने के लिए गलत तरीके से गुमराह किया है। हमें अपने गवर्नेंस के मजबूत सिद्धाओं और वित्तीय पारदर्शिता पर गर्व है।'

अस्पताल द्वारा जारी बयान में आगे लिखा है कि इस वैश्विक आपदा के दौरान 65 वर्ष के अधिक उम्र में भी हमारे चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान अपने अन्य डॉक्टर सहयोगियों के साथ 24 घंटे मरीजों कि नि:स्वार्थ सेवा में लगे हैं। हर दिन वे दूसरों की सेवा में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। ऐसे में यह दुःखद है की उनके साहस को कमजोर करने के लिए दुर्भावना के उद्देश्य से झूठे आरोप मढ़े जा रहे हैं और उन्हें इनका सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों द्वारा उत्पीड़न के बावजूद, हम अपनी ऊर्जा और संसाधनों को जीवन बचाने और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे। खासकर ऐसे समय में जब इन पर ध्यान देना सबसे जरूरी है।'