पेरिस। फ्रांस में पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून दिखाने वाले एक शिक्षक की सिर काटकर हत्या कर दी गई। यह जघन्य वारदात 16 अक्टूबर को पेरिस के बाहरी इलाके कोनफ्लांस सैंटे होनोरीन स्थित एक स्कूल के बाहर शाम करीब पांच बजे हुई। शिक्षक इसी स्कूल में पढ़ाते थे। घटना स्थल का दौरा करने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने इसे इस्लामिक आतंकी हमला करार दिया है। न्यूज एजेंसी एफपी के अनुसार पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। इस दौरान हुए संघर्ष में हमलावर की भी मौत हो गई। उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
और पढ़ें: फ्रांस के अखबार शार्ली हेब्दो ने फिर छापा पैगंबर मोहम्मद का कार्टून
इस पूरे मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल है। न्यूज एजेंसी एफपी के अनुसार जब हमलावर को पकड़ने के प्रयास किया जा रहा था तो उसने 'अल्लाहु अकबर' के नारे लगाए। एजेंसी को यह जानकारी एक पुलिस सूत्र ने दी। पुलिस को हमलावर के पास से एक धारदार हथियार मिला है।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि पूरा देश अपने शिक्षकों की हिफाजत के लिए एकजुट है और इस तरह की बर्बरता कभी जीत नहीं पाएगी। इस हमले को लेकर किसी बड़े आतंकी संगठन के संबंध तलाशे जा रहे हैं।
फ्रांस में इस तरह के धार्मिक कट्टरपंथी हमले 2015 से शुरू हुए हैं। तब शार्ली हेब्दो नाम की एक व्यंग पत्रिका ने पैंगबर मोहम्मद का कार्टून छापा था। इसके तुरंत बाद ही उसके दफ्तर पर और एक सुपरमार्केट में आतंकी हमला हुआ था। हाल फिलहाल में पत्रिका ने फिर से वही कार्टून छापा।
पुलिस के मुताबिक मृतक इतिहास के शिक्षक थे और अभिव्यक्ति की आजादी पर चर्चा के लिए उन्होंने पैंगबर मोहम्मद के कार्टून अपनी क्लास में दिखाए थे। स्कूल में पढ़ने वाले एक मुस्लिम बच्चे के पिता ने बताया कि कार्टून दिखाने से पहले शिक्षक ने मुस्लिम बच्चों को क्लास से बाहर जाने के लिए कहा क्योंकि वे उनकी भावनाएं आहत नहीं करना चाहते थे।
और पढ़ें: France: हिजाब को लेकर फ्रांस में फिर छिड़ा विवाद, बताया जा रहा आतंकवाद की निशानी
पुलिस के अनुसार शिक्षक के कटे हुए सर की फोटो ट्विटर पर डाली गई है और साथ ही मैक्रॉन को काफिरों का नेता बताया गया है। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या यह फोटो हमलावर ने ही डाली है। आंकड़ों के मुताबिक इस तरह के आतंकी हमलों में फ्रांस में अब तक 250 लोग मारे जा चुके हैं।