हरियाणा सरकार ने भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के बीच चीनी ठेकेदारों को दिए गए दोनों ठेकों को वापिस ले लिया है। हरियाणा के यमुनानगर और हिसार स्थित थर्मल प्लांट की ज़िम्मेदारी चीनी कंपनियों पर थी। हरियाणा सरकार ने कंपनियों को भारत से बाहर का रास्ता दिखाया है।

चीन और भारत के बीच पिछले एक साल से सरहद पर तनातनी जारी है। सोमवार को चीनी हमले में 20 सैनिकों की शहादत के बाद से पूर्वी लद्दाख के गलवान क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। सीमा पर एक तरफ जहां तनाव बढ़ गया है, तो वहीं दूसरी तरफ देश भर में चीन के खिलाफ गुस्सा भी जोरों पर है। पूरे देश भर में चीनी वस्तुओं पर प्रतिबन्ध लगाने और उनका बहिष्कार करने की मांग उठ रही है। ऐसे में हरियाणा सरकार ने चीनी कंपनियों की ठेकेदारी निरस्त कर दी है।

भारतीय कम्पनियों को प्राथमिकता दी जाएगी

थर्मल प्लांट के लिए हरियाणा पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बोलियां आमंत्रित की थीं। वहीं अब हरियाणा पावर जेनरेशन कॉर्पोरेशन ने यह फैसला लिया है कि वह भी अब एनटीपीसी की तर्ज पर भारतीय कंपनियों को इन ठेकों के लिए प्राथमिकता देगा।