नई दिल्ली। अहमदाबाद में 12 जून को टेकऑफ के महज 32 सेकेंड के भीतर क्रैश हुई एअर इंडिया की फ्लाइट बोइंग AI-171 की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भले सार्वजनिक हो चुकी हो, लेकिन इसके नतीजों ने कई तीखे सवाल खड़े किए हैं। इसी बीच अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुर्घटना की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित करने की मांग की है।
गहलोत ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अहमदाबाद विमान हादसे की पूरी सच्चाई सामने लाने एवं हवाई यात्रा पर आमजन का भरोसा जमाने के लिए भारत सरकार को उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन करना चाहिए, जिसमें भारतीय वायुसेना ने वरिष्ठ अधिकारी एवं विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हों, जो इस हादसे के हर पहलू की जांच कर सच सामने ला सकें।
उन्होंने कहा कि इस हादसे पर आई विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट के बाद पूरी दुनिया में आशंकाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि सबके मन में यह भावना है कि पायलट अपना पक्ष रखने के लिए जीवित नहीं हैं, इसलिए उन्हें आरोपित करना सबसे आसान है। पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा,'‘ कई विशेषज्ञों की राय है कि इतने अनुभवी पायलट जो पूर्णतः स्वस्थ थे, वो जानबूझकर फ्यूल स्विच बंद क्यों करेंगे? मैं पूर्व में नागर विमानन मंत्री रहा हूं। मेरे मन में भी इस रिपोर्ट को लेकर शंकाएं हैं।
उन्होंने लिखा कि इस हादसे को एक महीना बीत जाने के बाद भी मीडिया, सोशल मीडिया एवं वैश्विक उड्डयन जगत में इसको लेकर तमाम चर्चाएं चल रही हैं। सभी देशवासी उद्वेलित हैं कि 260 लोगों की जान किस कारण गई? बता दें कि 12 जून को एयर इंडिया विमान हादसे में 260 लोग मारे गए थे। मृतकों में विमान में सवार 242 में से 241 लोग भी शामिल थे। हादसे में एक विमान यात्री जीवित बच गया था।