नई दिल्ली। कोरोना से भारत में हालात किस हद तक बेकाबू हो चले हैं यह विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधोनम ने कहा कि भारत में हर गुजरते दिन के साथ स्थिति हाथ से बाहर निकलती जा रही है। WHO प्रमुख ने कहा कि वायरस कितना ख़तरनाक हो सकता है, इसे भारत के उदाहरण से समझा जा सकता है। 

टेड्रोस ने यह बात जेनेवा में अपने एक वर्चुअल ब्रीफिंग के दौरान कही। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा कि ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी के साथ ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भारत में हर गुजरते दिन के साथ हालात और बेकाबू होते जा रहे हैं। टेड्रोस ने कहा कि यह स्थिति इसलिए पनपी है क्योंकि लोगों का पर्याप्त संख्या में टीकाकरण नहीं किया गया है। और न ही एक पर्याप्त संख्या में उनका टेस्ट किया गया है। 

WHO प्रमुख ने कहा है कि कोरोना का यह संक्रमण कितना घातक हो सकता है। इसे भारत के उदाहरण से समझा जा सकता है। यह युवाओं में तेजी से फैल रहा है।या वायरस के नए वैरिएंट का ज़्यादा घातक होने का नतीजा है। टेड्रोस ने कहा कि मौतों के आंकड़े को रोकने के लिए दुनिया भर में तेज़ी से टीकाकरण करने की ज़रूरत है। 

दूसरी तरफ भारत ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए दूसरे देशों से बात कर रहा है। ऑक्सीजन सहित अन्य ज़रूरी दवाओं के लिए भारत यूएई, सिंगापुर सहित अन्य दक्षिणी एशियाई देशों से बात कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख ने भी दक्षिण पूर्व एशिया के देशों को स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह से इस्तेमाल करने की सलाह दी है। 

रूस ने भारत ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। रूस ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर मुहैया कराने के लिए भारत के समक्ष पेशकश की है। भारत में बेकाबू हालात को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दो हफ्तों में रूस भारत को ऑक्सीजन और इंजेक्शन की आपूर्ति कर देगा। हालांकि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश भारत को वैक्सीन का निर्माण करने में ज़रूरी कच्चे माल की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तो हाल ही में यह तक कहा है कि अमेरिका के लिए पहली प्राथमिकता अमेरिका के लोग हैं।