भारत के रक्षा मंत्री रूस की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान विक्ट्री डे सैन्य परेड की 75वीं वर्षगांठ में शामिल हुए। रूस की राजधानी मॉस्को में रेड स्क्वेयर पर आयोजित इस सैन्य परेड में भारतीय सैन्य बलों की एक टुकड़ी ने भी हिस्सा लिया। वहीं चीनी सेना की भी एक टुकड़ी इस परेड में शामिल हुई। भारत-चीन तनाव के बीच दोनों देश रूस के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। विक्ट्री डे सैन्य परेड दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी के ऊपर सोवियत संघ की जीत के उपलक्ष में आयोजित की जाती है। 1941 से लेकर 1945 तक चले इस युद्ध को रूस में ‘दि ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर’ के नाम से जाना जाता है।



भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, “1941 लेकर 1945 तक चले महान पैट्रियॉटिक युद्ध में सोवियत लोगों की जीत की उपलक्ष में आयोजित विक्ट्री डे परेड की 75वीं वर्षगांठ में शामिल हूं। मुझे गर्व है कि भारतीय सैन्य बलों की एक टुकड़ी भी इस परेड में हिस्सा ले रही है।”



 





इससे पहले चीनी मीडिया ने कहा था कि भारत और चीन के रक्षा मंत्री विक्ट्री डे परेड के दौरान एक दूसरे से मुलाकात कर सकते हैं। चीनी मीडिया की इस खबर को भारत ने नकार दिया था।



वहीं भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस की तरफ से यह सुनिश्चित किया गया है कि उसके और भारत के बीच हुए हथियार सौदों का पूरी तरह सम्मान किया जाएगा और रूस जल्द से जल्द भारत को हथियारों की आपूर्ति करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर हथियार सौदों को तय समय से पहले पूरा कर लिया जाएगा।



Clickसमय पर भारत को हथियार देगा रूस



असल में रूस भारत को एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम देगा। भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच भारत जल्द से जल्द इसकी आपूर्ति चाहता है। वहीं दूसरी तरफ खबर है कि चीन ने एलएसी पर एस 300 एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती कर दी है।