जकार्ता। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता से उड़ान भरने के बाद एक यात्री विमान लापता हो गया है। इंडोनेशियाई उड्डयन मंत्रालय के प्रवक्ता अदिता ने इस बात की जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि इस विमान में सात बच्चे और छः क्रू मेंबर्स सहित कुल 56 लोग सवार थे।
बताया जा रहा है कि विमान का संपर्क जकार्ता हवाईअड्डे से उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही टूट गया था। श्रीविजया का यह विमान जकार्ता के बोर्नियो द्वीप से पोंतिनाक इलाके की उड़ान पर था। फ्लाइट से आखिरी बार संपर्क दोपहर 2.40 बजे हुआ था। टेक ऑफ के 4 मिनट बाद जब फ्लाइट का संपर्क टूटा तब वह 10 हजार फीट की ऊंचाई पर था।
विमान का जिस जगह ATC से संपर्क टूटा वहां समुद्र है, इसलिए किसी बड़ी अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल समुद्र के उस इलाके में खोजी जहाज और बचाव दल को रवाना कर दिया गया है। श्रीविजया एयर का कहना है कि वो इस उड़ान के बारे में और अधिक जानकारी जुटा रही है। रेडार पर इस विमान को 10 हजार फीट की ऊंचाई मात्र एक मिनट में खोते हुए ट्रैक किया गया है। जिसके बाद से किसी अनहोनी की आशंका बढ़ गई है। अगर इतनी तेजी से कोई विमान नीचे आता है तो उसके क्रैश होने की संभावना बढ़ जाती है।
समुद्र में मिला संदिग्ध मलबा
इसी बीच अब यह खबर आ रही है कि समुद्र में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का संदिग्ध मलबा नजर आया है। हालांकि, अबतक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह मलबा लापता हुए विमान का ही है। नेशनल सर्च एंड रेस्क्यू एजेंसी के एक अधिकारी बामबैंग सुरयो अजी ने मीडिया को बताया है कि उनकी टीम हादसे की सटीक जगह का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अजी ने कहा हमें उम्मीद है कि आज रात तक इसका पता चल जाएगा। समुद्र की गहराई लगभग 20-23 मीटर है। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि समुद्र में एक जगह पर मलबा नज़र आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि यह विमान करीब 26 साल पुराना था। इसकी पहली फ्लाइट साल 1994 के मई में हुई थी। यह बोइंग 737-500 विमान था। इस सीरीज के विमानों की सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। इसके पहले अक्टूबर 2018 में भी इंडोनेशिया का एक विमान दुर्घटना ग्रस्त हो गया था, जब लॉयन एयर बोइंग 737 मैक्स का विमान उड़ान भरने के 12 मिनट बाद ही जावा के सागर में गिर गया था। इस हादसे में 189 यात्री मारे गए थे बावजूद इसके बोइंग विमानों को लेकर कोई उपयुक्त निर्णय नहीं लिया गया।