भारत के मशहूर लेखक व गीतकार जावेद अख्तर को रिचार्ड डॉकिन्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। वे इतिहास में पहले भरतीय बन गए हैं जिन्हें इस अवार्ड से नवाजा गया है। 75 वर्षीय जावेद को यह पुरस्कार तर्कसंगत विचार, धर्मनिरपेक्षता और मानव विकास व मानवीय मूल्यों को अहमियत देने के कारण मिला है। उनकी पत्नी शबाना आजमी ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा, 'जावेद अख्तर ने रिचर्ड डॉकिन्स अवॉर्ड अपनी क्रिटिकल थिकिंग, धार्मिक जड़ता की स्क्रूटनी, मानव प्रगति और मानवतावादी मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए जीता है।'



जावेद अख्‍तर को यह पुरस्कार मिलने पर अनिल कपूर, दिया मिर्जा समेत अन्य बॉलीवुड कलाकारों ने बधाई दी है। जावेद अख्‍तर की पत्नी व मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया की यह पुरस्कार अधिक महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि आज के समय में जब सभी धर्मों के धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया जा रहा है तो यह पुरस्कार धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जावेद के प्रयासों को प्रमाणित करता है।





रिचर्ड डॉकिन्स उस व्यक्ति को दिया जाता है जो समाज में तर्कसंगत विचार, धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों और वैज्ञानिक सोंच को रखता हो। यह अवार्ड वर्ष 2003 से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में साइंस ऑफ पब्लिक अंडरस्टैंडिंग के प्रोफेसर रिचर्ड डॉकिन्स के नाम पर दिया जाता है। जावेद अख्तर फ़िल्म व गीत लिखने के साथ-साथ सामाजिक जड़ता व वैमनस्य के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से समय-समय पर CAA-NRC,इस्लामोफोबिया, तबलीगी जमात, मॉब लिंचिंग समेत अन्य मुद्दों पर बेबाकी से आवाज उठाई है। जावेद अख्तर के पहले यह अवार्ड मशहूर अमेरिकी कॉमेडियन बिल महर और दार्शनिक क्रिस्टोफर हिचेंस को दिया गया है। गौरतलब है कि जावेद को इसके पहले पद्मश्री, पद्मभूषण, साहित्य अकादमी व पांच नेशनल पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।