वॉशिंगटन। यूक्रेन पिछले 27 दिनों से रूस के मिसाइल अटैक और बमबारी झेल रहा है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस को लेकर भारत के रुख पर नाराजगी जताई है। जो बाइडन ने कहा कि भारत अमेरिका के प्रमुख साथियों में अपवाद स्वरूप है। यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस को दंडित करने के लिए पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन भारत इस मामले में कुछ हद तक अस्थिर रहा है।

वाशिंगटन में अमेरिकी उद्योगपतियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए, बाइडेन ने कहा कि पूरे नाटो और प्रशांत क्षेत्र में एक संयुक्त मोर्चा था। जो बाइडेन ने कहा कि क्वाड सहयोगियों में संभावित अपवाद के साथ भारत इसमें से कुछ पर अस्थिर है। लेकिन जापान और ऑस्ट्रेलिया बेहद मजबूत रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ये अनुमान नहीं लगाया होगा कि यूक्रेन पर उनके आक्रमण की वैश्विक प्रतिक्रिया में नाटो और पश्चिमी सहयोगी साथ आ जाएंगे।

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यूएस बिजनेस लीडर्स को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा कि भारत का रूस के खिलाफ रवैया ढुलमुल रहा है। वहीं नाटो इससे पहले कभी भी इतना ताकतवार और एकजुट नहीं था, जितना आज है।  बता दें कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद से रूस के खिलाफ अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देशों कई सख्त कदम उठाए और आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। तमाम बड़ी कंपनियों ने रूस में अपना बिजनेस बंद कर दिया है। यूएन में भी इन देशों ने रूस को घेरने की कोशिश की और उसके खिलाफ वोट तक किया, लेकिन भारत ने इस मामले में तटस्थता की नीति अपनाई है।

इतना ही नहीं तमाम प्रतिबंधों के बावजूद भारत रूस के साथ तेल खरीदने का फैसला लिया और यूएन में रूस के खिलाफ वोट करने से दूरी बनाई उसको लेकर बाइडेन ने भारत पर निशाना साधा है। भारतीय तेल रिफाइनर कंपनी IOCL रूस से रियायती दरों पर तेल की खरीद जारी रखी है जबकि पश्चिम देश मास्को को अलग करना चाहता है।