नई दिल्ली। क़ब्ज़े के 3 हफ्ते बाद आखिरकार अफगानिस्तान में अब एक औपचारिक सरकार का गठन हो गया है। हालांकि तालिबान ने स्पष्ट किया है कि यह एक अंतरिम या कार्यकारी सरकार है। फिलहाल मुल्ला हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। जबकि तालिबान के सह संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री बनाया गया है। 

तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे, मुल्ला याकूब को अफगानिस्तान का रक्षा मंत्री बनाया गया है। जबकि अमीर मुत्तकी को विदेश मंत्री के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं गृह मंत्री के पद की जिम्मेदारी सिराजुद्दीन हक्कानी को सौंपी गई है।

अफगानिस्तान के होने वाले नए प्रधानमंत्री का नाम वैश्विक आतंकवादियों की सूची में है। जबकि गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी की सूचना देने पर अमेरिका ने तो 50 लाख डॉलर का इनाम भी घोषित कर रखा है। 2008 में अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश रचने में हक्कानी का नाम सामने आ चुका है। 

पहले अफगानिस्तान में सरकार का गठन तीन सितंबर को होना था। लेकिन इसके बाद सरकार के ऐलान को टाल दिया गया। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के प्रमुख जनरल हमीद के कथित तौर पर अफगानिस्तान के दौरे पर आने के बाद सरकार का गठन किया गया है। आईएसआई प्रमुख की मौजूदगी इस समय काबुल में राष्ट्रपति भवन के पास सेरेना होटल में है। 

काबुल में आज अफगानी नागरिकों ने प्रोटेस्ट मार्च के दौरान पाकिस्तान मुर्दारबाद के नारे लगाने के साथ आईएसआई प्रमुख के मौत की दुआएं भी मांगी। जिसके बाद तालिबानी आतंकियों ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग शुरू कर दी।