पाकिस्तान की एक अदालत ने वहां की सरकार को निर्देश दिया कि कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील नियुक्त करने की खातिर वह भारत को एक और मौका दे। इसके साथ ही अदालत ने मामले में सुनवाई एक महीने के लिए स्थगित कर दी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जाधव के लिए एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गयी मौत की सजा की समीक्षा की सुनवाई के दौरान वकील की नियुक्ति के मुद्दे पर गौर किया।

भारतीय सेना के 50 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में "जासूसी और आतंकवाद" के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने अदालत से कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेशों का पालन करने के लिए पाकिस्तान ने भारत को ‘कांसुलर’ पहुंच प्रदान किया। हालांकि उसने जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव पर जवाब नहीं दिया है।

अदालत ने दलीलों को सुनने के बाद सरकार को आदेश दिया कि वह जाधव पर आदेश भारत को भेजे। इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।

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दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने 22 जुलाई को कुलभूषण जाधव के लिए वकील नियुक्त करने के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका डाली थी। पाकिस्तान सरकार ने यह कदम अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के पालन के रूप में उठाया था। वहीं पाकिस्तान ने 17 जुलाई को तीसरी बार कुलभूषण जाधव को काउंसुलर एक्सेस देने का प्रस्ताव दिया था। भारत ने इन सभी कदमों को दिखावा बताया था। पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को भारतीय जासूस मानता है। वहीं भारत का कहना है कि जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर हैं और रिटायर होने के बाद ईरान में व्यापार कर रहे थे, जहां से उन्हें अगवा कर लिया गया।