इस्लामाबाद। पकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दुष्कर्म को लेकर बेहद घिनौना और बेहूदा बयान दिया है। पूर्व क्रिकेटर से प्रधानमंत्री बने इमरान ने एक बार फिर से दुष्कर्म के लिए महिलाओं के लिबास को जिम्मेदार ठहराया है। इमरान ने कहा है कि यदि महिलाएं कम कपड़े पहनेंगी तो पुरुषों पर इसका प्रभाव पड़ेगा ही। इमरान के इस बयान की दुनियाभर में थू-थू हो रही है।

पीएम इमरान खान ने एक्सियोस चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'यदि एक महिला बेहद छोटे कपड़े पहनती है, तो पुरुष इससे प्रभावित होंगे ही। यह एक कॉमन सेंस वाली बात है। जबतक की वह इंसान नहीं कोई रोबोट हो, इंसान तो कम कपड़े में स्त्रियों को देखकर प्रभावित होंगे ही।' इमरान ने यह बात पाकिस्तान में बढ़ रहे यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है।

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इमरान द्वारा की गई इस घटिया टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी नेताओं से लेकर देश के पत्रकारों तक ने इमरान को लताड़ लगाया है। साथ ही वैश्विक हस्तियों ने भी इमरान के इस घिनौने सोच को लेकर निशाना साधा है।

दक्षिण एशिया के लिए अंतरराष्ट्रीय न्याय आयोग की कानूनी सलाहकार रीमा ओमर ने कहा, 'प्रधानमंत्री इमरान खान का पाकिस्तान में यौन हिंसा के कारणों को लेकर ये कहना कि इसमें पीड़ितों की गलती है और इस बात को दोहराते हुए देखना निराशाजनक और उनकी बीमार मानसिकता को दिखाता है।'

यह पहली बार नहीं है जब पूर्व क्रिकेटर ने इस तरह की बातें कही हो। इमरान ने दो महीने पहले ही लाइव टेलीविजन पर एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि पर्दे की पूरी अवधारणा प्रलोभन से बचने के लिए है। हर किसी के पास इससे बचने की इच्छाशक्ति नहीं है। यानी इमरान खान ने कहा कि अगर महिलाएं पूरे कपड़े पहनेंगी, चेहरा ढककर रखेंगी तो पुरुष उन्हें देख नहीं पाएंगे। और देखेंगे नहीं तो लालच में भी नहीं आएंगे, और रेप नहीं करेंगे। 

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पाकिस्तानी पीएम का यह घटिया दलिल बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि यह कहना कि यदि महिलाएं होंगी ही नहीं तो रेप भी नहीं होगा। बहरहाल पाक पीएम के इस बयान पर उनकी एक्स वाइफ जेमिमा गोल्डस्मिथ ने भी उनकी जमकर लताड़ लगाई थी। एक देश के प्रधानमंत्री द्वारा ऐसी ओछी बातें करना, रेप के लिए लड़कियों को ज़िम्मेदार बताना। यह कहना कि रेपिस्ट तो बेचारे मासूम हैं, स्त्री के शरीर की अपनी लालसा को कंट्रोल नहीं कर पाते, वाकई बेहद चिंता का विषय है।