नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को 2 दिवसीय भारत दौरे पर आएंगे। साल 2022 में यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। पुतिन 23वीं भारत-रूस समिट में भाग लेंगे। ये भारत और रूस के बीच होने वाली सालाना बैठक का हिस्सा है। हर साल दोनों देश बारी-बारी से इस बैठक की मेजबानी करते हैं। इस बार भारत की बारी है।
समिट के दौरान पुतिन पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों नेता क्रूड ऑयल डील के साथ S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बात कर सकते हैं। पुतिन अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कदम उठाएंगे। रूस-भारत के बीच एयर डिफेंस सिस्टम S400 और फाइटर जेट SU-57 के अलावा डील्स भी हो सकती हैं।
डिफेंस सिस्टम की डील को लेकर बात होगी, जिसकी तीन यूनिट मुहैया मिल चुकी हैं और 2026 में बाकी स्क्वाड्रन की डिलिवरी की उम्मीद है, जो रूस-यूक्रेन तनाव की वजह से टल रही है। इसके लिए दोनों देशों के बीच 5 बिलियन डॉलर की डील हुई थी। पुतिन अपने भारत दौरे पर अधूरा वादा पूरा कर सकते हैं। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पुतिन के सम्मान में स्टेट डिनर देंगी।
इसके अलावा भारत और रूस के बीच ऑयल ट्रेड को लेकर भी बात हो सकती है, जो अमेरिका के सैंक्शन और दवाबों की वजह से प्रभावित हुआ था। ट्रंप बार-बार भारत पर प्रेशर डालकर रूस से तेल खरीदी को बंद करना चाह रहे हैं। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50% टैरिफ लगाया है लेकिन इसके बावजूद नवंबर में रूसी तेल आयात 1.855 मिलियन बैरल प्रतिदिन पहुंच गया है। जो अक्टूबर में गिरा था।
हालांकि, पुतिन की इस यात्रा में सबसे ज्यादा फोकस डिफेंस समझौते पर ही रहेगा। रूस पहले ही कह चुका है कि वो भारत को अपना SU-57 स्टेल्थ फाइटर जेट देने के लिए तैयार है। यह रूस का सबसे एडवांस लड़ाकू विमान है। भारत पहले ही अपने वायुसेना बेड़े को मजबूत करने के लिए नए विकल्प तलाश रहा है। इसके अलावा भविष्य में S-500 पर सहयोग, ब्रह्मोस मिसाइल का अगला वर्जन और दोनों देशों की नौसेनाओं के लिए मिलकर वॉरशिप बनाने जैसी योजनाओं पर बातचीत होने की उम्मीद है।
बता दें कि पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत दौरे पर आए थे और पीएम मोदी पिछले साल जुलाई में वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल गोने के लिए मॉस्को पहुंचे थे।