अमेरिकी डॉलर में नरमी और घरेलू शेयर बाजारों की तेजी के दम पर अंतरबैंक मुद्रा बाजार में रुपया शुरुआती आंकड़ों के आधार पर 56 पैसे की बढ़त लेकर 75.04 प्रति डॉलर पर रहा। यह तीन महीने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की सबसे अधिक तेजी मानी जा रही है। कारोबारियों ने बताया कि घरेलू शेयर बाजार में बढ़त में रहने और डॉलर में नरमी की वजह से रुपये को समर्थन मिला। दवा कंपनी फाइजर द्वारा कोरोना वायरस के टीके के सकारात्मक परिणाम आने की जानकारी दिए जाने से भी निवेशकों की धारणा को बल मिला है।
इससे पहले कारोबार की शुरुआत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 75.51 पर खुला और कारोबार के दौरान चढ़ता गया। कारोबार के समाप्त होने के बाद शुरुआती आंकड़ों के आधार पर यह 75.04 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले दिन की तुलना में 56 पैसे मजबूत है। एक जुलाई को रुपया 75.60 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
कारोबार के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इस दौरान रुपया 74.99 प्रति डॉलर के दिन के उच्चतम स्तर और 75.53 प्रति डॉलर के निचले स्तर के दायरे में रहा।वहीं दवा कंपनियों फाइजर और उसके जर्मन भागीदार बायोनटेक ने कहा कि कोविड-19 के पहले चार प्रायोगिक टीकों का 45 लोगों पर शुरुआती परीक्षण किया गया, जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आये।
प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के बास्केट में डॉलर का सूचकांक 0.26 प्रतिशत गिरकर 96.94 पर
घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई का सेंसेक्स 550.35 अंक और एनएसई का निफ्टी 154.40 अंक की बढ़त में चल रहा था। इस बीच शेयर बाजारों से प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने एक जुलाई को 1,696.45 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की। वहीं कच्चे तेल के वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड का वायदा 1.40 प्रतिशत बढ़कर 42.62 डॉलर प्रति बैरल हो गया।