पहले से उपलब्ध और सस्ती कीमत में उपलब्ध स्टेरॉयड गंभीर रूप से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में प्रयोग किए जा सकते हैं। इन स्टेरॉयड के प्रयोग से गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकती है। एक अध्ययन के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन स्टेरॉयड का अधिक से अधिक प्रयोग करने की सिफारिश की है। हालांकि, संगठन ने सामान्य लक्षण वाले कोरोना मरीजों पर इन स्टेरॉयड का प्रयोग नहीं करने की चेतावनी भी दी है। 

वैज्ञानिक साक्षों को पेश करते हुए संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित 1,000 मरीजों पर इन स्टेरॉयड के प्रयोग से 87 लोगों की जान बचाई गई। वहीं अति गंभीर मरीजों में यह आंकड़ा 67 रहा। मैजिक एविडेंस इकोसिस्टम फाउंडेशन नाम की एक संस्था ने इस अध्य्यन में अपना सहयोग दिया था। 

इससे पहले जून में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुई रिसर्च के आधार पर बताया था कि डेक्सामेथासोन नाम के स्टेरॉयड का प्रयोग गंभीर रूप से कोरोना से ग्रसित मरीजों के जान बचाने वाला साबित हो रहा है। बताया गया था कि इस स्टेरॉयड के प्रयोग से वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों की मृत्यु दर एक तिहाई घट गई, वहीं जिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी उनकी मृत्यु दर पांचवे हिस्से के बराबर घट गई। 

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी कहा कि अभी इन स्टेरॉयड के मरीजों के शरीर पर पड़ने वाले लंबे समय तक के प्रभावों के बारे में अध्ययन नहीं किया गया है। संगठन ने बताया कि दूसरी और दवाओं पर भी शोध चल रहा है।