ट्विटर ने पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की तरफ से किए गए ट्वीट पर कोई कार्रवाई की। ट्विटर ने ट्रंप के उन ट्वीट्स को लेकर तथ्य जांचने संबंधी चेतावनी जारी की, जिसमें उन्होंने कैलिफोर्निया में मेल के जरिए मतदान को फर्जीवाड़ा बताया और कहा कि इन मेल बॉक्स को लूट लिया जाएगा। ट्विटर ने ट्रंप को तथ्य जांचने साथ-साथ कैलिफोर्निया में मेल के जरिए मतदान विषय से जु़ड़ी ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ और ‘सीएनन’ जैसे मीडिया संस्थानों की खबर के लिंक भी दिए। बदले में ट्रंप ने ट्विवटर के ऊपर अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।



ट्विटर ने चेतावनी जारी करते हुए लिखा, “मेल के जरिए मतदान से जुड़े तथ्यों का पता लगाएं’’। इसके साथ ही उसने ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ और ‘सीएनएन’ जैसे मीडिया संस्थानों की विभिन्न खबरों के लिंक भी संलग्न किए।”



वहीं ट्विटर के प्रवक्ता ट्रेंटन केनेडी ने कहा, “हालांकि, ट्रम्प का मेल के जरिए मतदान संबंधी ट्वीट ट्विटर के नियमों का उल्लंघन नहीं करता क्योंकि यह लोगों को मतदान करने से प्रत्यक्ष रूप से मना नहीं करता है, लेकिन इसमें मतदान प्रक्रिया, खासकर मेल के जरिए मतदान के बारे में भ्रामक जानकारी’ दी गई है।”



इसके जवाब में डोनल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि ट्विटर अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है। उन्होंने ट्वीट किया कि ट्विटर फेक न्यूज सीएनएन और अमेजन वाशिंगटन पोस्ट की फैक्ट चेकिंग के आधार पर कह रहा है कि मेल के जरिए मतदान, जो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और धोखे को जन्म देगा, से जुड़ा मेरा बयान गलत है।



 





ट्रंप ने आगे कहा कि ट्विटर बोलने की आजादी का पूरी तरह से दम घोंट रहा है और एक राष्ट्रपति के रूप में वे ऐसा नहीं होने देंगे।



अंग्रेजी मीडिया वेबसाइट द गार्जियन के मुताबिक राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ट्विटर का उपयोग एक वैश्विक नेता को युद्ध की धमकी देने, ब्रिटेन के भड़ाकाऊ चेहरों द्वारा दी गई झूठी नस्लवादी खबरों को आगे बढ़ाने और हाल ही में एक और झूठी खबर फैलाने के लिए कर चुके हैं। लेकिन अब तक ट्विटर इन सब बातों पर खामोश था। यहां तक कि ट्विटर ने एक ऐसी नई नीति बनाई जो वैश्विक नेताओं द्वारा नियम तोड़ने वाले ट्वीट्स के प्लेटफॉर्म पर बने रहने की अनुमति देती है। हालांकि, 11 मई को ट्विटर ने इस नीति में बदलाव किया और राष्ट्रपति ट्रंप को यह चेतावनी इसी बदलाव के चलते जारी की गई।