नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने घोषणा की है कि उसने बराख न्यूक्लियर पॉवर स्टेशन स्थित पहले चार न्यूक्लियर रिएक्टर्स में काम शुरू कर दिया है। बराख पॉवर स्टेशन अरब जगत क पहला न्यूक्लियर पॉवर प्लांट है। एमीरेट्स न्यूक्लियर एनर्जी कॉर्पोरेशन (ईएनईसी) इस पॉवर प्लांट का संचालन कोरिया इलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर कर रही है।

ईएनईसी ने घोषणा की, “यूनिट-1 का शुरू होना पहली बार इस बात को रेखांकित करता है कि रिएक्टर सुरक्षापूर्ण तरीके से गर्मी पैदा कर रहा है, जिसका प्रयोग भाप बनाने और फिर एक टर्बाइन के सहारे बिजली पैदा करने में किया जा रहा है।” 

बराख स्थित इस पॉवर प्लांट को पहले 2017 में खोला जाना था। न्यूक्लियर ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ इस पॉवर प्लांट को लेकर संभावित खतरों पर चिंता जताते रहे हैं। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में न्यूक्लियर कंसल्टिंग ग्रुप के प्रमुख पॉल डॉर्फमैन के मुताबिक इस न्यूक्लियर प्लांट को बहुत कम खर्च पर बनाया गया है, जिसकी वजह से सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती गई है। एक दूसरा खतरा न्यूक्लियर प्लांट पर किसी तरह के हमले का है। मध्य पूर्व में अब तक न्यूक्लियर संबंधित जगहों पर 13 हमले हो चुके हैं। यह इस तरह की जगहों पर हमले के मामले में पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे बड़ी संख्या है।

संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था तेल पर आधारित है। जैसे-जैसे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है, वैसे-वैसे देशों पर तेल का कम से कम इस्तेमाल करने का दवाब और जिम्मेदारी भी बढ़ रही है। ऐसे में यूएई ऊर्जा के नए विकल्पों को विकसित करने में लगा है। हालांकि, देश में सूर्य और पवन, नवीनीकृत ऊर्जा के दोनों ही स्रोत भरपूर मौजूद हैं, लेकिन देश उनके मुकाबले कहीं अधिक महंगी और जोखिम भरी परमाणु ऊर्जा का प्रयोग करने जा रहा है। इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। यूएई ने इन सभी सवालों का जवाब देना उचित नहीं समझा है।