छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को छिंदवाड़ा के मोरडोगरी परासिया निवासी 1 वर्षीय गर्विक पिता बाबू पवार की गुरुवार दोपहर नागपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसी के साथ कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।

उधर, बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तारी कर लिया है। मामले में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई SIT की टीम ने बुधवार रात चेन्नई में दबिश देकर रंगनाथन को पकड़ा। SIT ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। रंगनाथन पर 20 हजार रुपए का इनाम था।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज बीमार बच्चों को देखने नागपुर पहुंचे। सीएम ने वहां के अस्पतालों में भर्ती चार बच्चों का हाल जाना। उनके परिजन से बात की। अंबिका विश्वकर्मा न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल जबकि कुणाल यदुवंशी और हर्ष यदुवंशी नागपुर एम्स में इलाज करा रहे हैं।

बच्चों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपी पुलिस ने तमिलनाडु में गिरफ्तारी की है, लेकिन तमिलनाडु सरकार हमारा सहयोग नहीं कर रही है। इसकी पूरी जिम्मेदारी दवा कंपनी की होती है। हमने भी ड्रग कंट्रोलर को हटाया, असिस्टेंट कंट्रोलर को सस्पेंड किया। सिरप लिखने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई की।

सीएम ने इस मामले में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो बात कर रहे हैं, वे तमिलनाडु जाएं और धरना दें। फैक्ट्री को ड्रग लाइसेंस कैसे दिया। एक बार लाइसेंस दिया तो दोबारा कैसे रिन्यूअल कर दिया। छोटी सी जगह में इतनी बड़ी फैक्ट्री कैसे बना दी। राहुल भी जाना चाहें तो तमिलनाडु जाएं।