अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। घनगवा में एक सनकी भाई ने विवाद के चलते अपने सगे भाई के परिवार को आग लगा दी। आग में जलने से उसके भाई-भाभी और भतीजी की मौत हो गई। वहीं दूसरे कमरे में सो रहा एक भतीजा जान बचाने में कामयाब हो गया। भाई के परिवार को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी दीपक विश्वकर्मा ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल बुधवार-गुरुवार की रात करीब 2 बजे आरोपी दीपक विश्वकर्मा ने पहले तो अपने भाई के परिवार को केरोसिन डालकर जला दिया और फिर खुदकुशी कर ली।  

आपको बता दें कि दीपक ने सो रहे भाई के कमरे में केरोसीन डालकर आग लगाई और दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। वहीं ओमकर विश्वकर्मा का 17 साल का बेटा आशीष एक दूसरे कमरे में सो रहा था। वहां भी दीपक ने केरोसीन डालकर आग लगाई थी। जिसमें दीपक झुलस तो गया है, लेकिन उसकी जान बच गई है। दीपक भाई और भतीजे के कमरों को बाहर से बंद किया था ताकि कोई जान बचाने के लिए भाग न सके।

मृतक आरोपी दीपक विश्वकर्मा के कमरे की दीवार पर एक नोट लिखा है। जिसमें उसने अपने भाई पर घर से भगाने और मारपीट करने का आरोप लगाया है। नोट में लिखा है कि ‘मेरे कमरे में घुस कर मुझे मारे हैं और कहते हैं कि तेरा यहां कुछ नहीं है और घर से भगा रहे है। साथ ही लिखा है कि उसके भाई आरोप लगा रहे हैं कि जुआं सट्टा खेलते हो।' दीवार पर 22 नवंबर की तारीख भी लिखी हुई है। 

पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि मृतक आरोपी दीपक और उसके भाई ओमकार विश्वकर्मा में अक्सर विवाद होता रहता था। रात में घर से आग की लपटें निकलते देख पड़ोसियों ने पुलिस को आग लगन की सूचना दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।  पुलिस मृतक आरोपी दीपक के नोट को भी इस हत्याकांड से जोड़ कर देख रही है।