उज्जैन। कोरोना महामारी के बीच चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर लगातार संक्रमित मरीजों का उपचार करने में जुटे हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सिनेशन अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी गाँव- गाँव जाकर टीकाकरण कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में अफवाह और भ्रम का जबरदस्त माहौल है। कुछ अवैज्ञानिक तथ्यों को ग्रामीण इलाकों में ऐसे फैला दिया गया है कि लोग अब ये मान रहे हैं कि टीके से जान चली जाएगी, इसलिए विरोध भी उतना ही तीखा देखने को मिल रहा है। सोमवार को उज्जैन के मालीखेड़ी गांव में टीकाकरण करने पहुंची टीम पर गांव के लोगों ने इसी भ्रम के चक्कर में हमला कर दिया गया। इस दौरान तहसीलदार समेत टीम को जान बचाकर भागना पड़ा लेकिन एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है।

उज्जैन के उन्हेल के पास मालीखेड़ी में स्वास्थ्यकर्मियों की टीम टीकाकरण करने पहुंची थी। यहां पारदी मोहल्ले में कुछ लोगों ने टीका लगवाने से मना कर दिया। उन्हें समझाने के लिए तहसीलदार अनु जैन भी पहुंचीं। सहायक सचिव का पति शकील कुरैशी तहसीलदार के पास खड़ा हो गया और लोगों को समझाने का प्रयास करने लगा। उसी दौरान अचानक ही 50 से अधिक लोगों ने हमला कर दिया। तहसीलदार और स्टाफ ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। सहायक सचिव के पति शकील कुरैशी का सिर फोड़ दिया गया। वह गंभीर रूप से घायल हो गया। तत्काल ही पुलिस थाने में सूचना दी गई। 

तहसीलदार अनु जैन की टीम में सचिव, सहायक सचिव, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सभी ग्रामीणों से चर्चा कर रहे थे। तभी एक युवक ने सहायक सचिव के पति शकील मोहम्मद पर लाठी से हमला कर दिया। उस वक्त टीकाकरण प्रभारी निखिलेश शर्मा भी मौजूद थे, उन्होंने इस पूरे  घटना की जानकारी दी। जैसे -तैसे तहसीलदार सहित पूरी टीम अपनी जान बचाने के लिए दौड़ लगाई। घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीएम आशुतोष गोस्वामी, सीएसपी मनोज रत्नाकर, उन्हेल टीआई दौलतराम जोगावत घटनास्थल पर पहुंचे।

पूरे मामले में सहायक सचिव के पति शकील, जिन्हें गंभीर चोट लगी है का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि कोई भी टीका लगवाने को तैयार नहीं था तो तहसीलदार मैडम के साथ हम समझाने गए थे। अंदर तक तो हेमानी बाई, उस्मानी, चांदू लाल वगैरह पब्लिक लेकर आ गए और मैडम से बहस के दौरान मुझे लट्ठ मार दिया गया।