भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित परिवहन घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। भोपाल गोल्ड-कैश कांड के मुख्य आरोपी पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा को जमानत मिल गई है। उसके साथियों चेतन सिंह और शरत जयसवाल को भी अदालत से जमानत मिल गई है। लोकायुक्त ने 60 दिन में चालान पेश नहीं किया, जिसके कारण आरोपियों को यह राहत मिली है।

सौरभ के वकील राकेश पराशर ने बताया कि सौरभ को आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकायुक्त कोर्ट से जमानत मिल गई है। मंगलवार की शाम को यह आदेश विशेष न्यायाधीश आरपी मिश्रा की कोर्ट ने यह आदेश जारी किए हैं। हालांकि सौरभ की फिलहाल रिहाई नहीं होगी। ईडी कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ही उसकी रिहाई हो सकेगी।

दरअसल, 28 मार्च को सौरभ शर्मा के गिरफ्तारी के 60 दिन हो चुके थे। इसके बावजूद लोकायुक्त द्वारा अभी तक चालान पेश नहीं हुआ। कोर्ट ने लोकायुक्त के इस रवैये पर हैरानी जताई। हालांकि जमानत मिलने के बाद भी सौरभ, शरद, चेतन फिलहाल जेल से बाहर नहीं आएंगे। तीनों आरोपियों को ईडी के मामले में जेल में रहना पड़ेगा।

लोकयुक्त के मामले में ही फिलहाल तीनों आरोपियों को जमानत मिली है। जबकि ईडी का केस अलग है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में 10 तारीख तक चालान पेश करना है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसमें भी जमानत मिल सकती है और फिर तीनों जेल से बाहर आ सकेंगे।

बता दें कि सौरभ शर्मा 28 जनवरी को अदालत में सरेंडर करने पहुंचा था, हालांकि आवेदन के बाद कोर्ट ने जांच एजेंसी से डायरी मंगवाई थी। इसके बाद उसे अगले दिन आने के लिए कहा गया, वकील के अनुसार, सुबह 11 बजे जैसे ही सौरभ कोर्ट जा रहा था। लोकायुक्त ने उसे बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया और लोकायुक्त कार्यालय ले गई। जहां उससे पूछताछ की गई। उसकी निशानदेही पर उसके साथी चेतन गौर को भी हिरासत में लिया गया।

सौरभ शर्मा की जमानत पर विपक्ष ने राज्य की मोहन सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सौरभ शर्मा को जमानत दिलवाकर लोकायुक्त ने April Fools Day सेलिब्रेट कर लिया है! यह घटना मप्र में भाजपा और आर्थिक अपराधियों के संबंध प्रबंधन की नई कहानी है।