भोपाल। मिशन 2023 के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एक्शन मोड में आ गए हैं। पीसीसी चीफ ने आज कांग्रेस जिलाध्यक्षों को जमकर फटकारा। बैठक के दौरान कमलनाथ ने स्पष्ट कहा कि या तो वे काम करें या फिर इस्तीफा दें। कमलनाथ ने इस दौरान पार्टी के भीतर गुटबाजी को लेकर भी भी जवाब दिया है।

दरअसल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज डिजिटल मेंबरशिप अभियान को लेकर बैठक बुलाई थी। बैठक में पूर्व सीएम व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जिला अध्यक्षों को चेतावनी देते हुए कहा कि 25 फरवरी तक मंडलम सेक्टर में नियुक्तियां करें, वरना 26 को इस्तीफा दे दें। उन्होंने जिलाध्यक्षों के उत्साहवर्धन के लिए यह भी ऐलान किया कि सर्वाधिक सदस्यता करने वाले जिला अध्यक्षों को प्रदेश कांग्रेस कमेटी सम्मानित करेगी।

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कमलनाथ ने बताया कि सबसे ज्यादा सदस्य बनाने वाले जिला अध्यक्षों को पार्टी फर्स्ट, सेकंड और थर्ड तीन पुरस्कार देगी। उन्होंने डिजिटिल मेंबरशिप की आवश्यकता को लेकर कहा कि इससे फर्जी मेंबरशिप खत्म होगी। पहले फर्जी सदस्य भी बना दिए जाते थे। लेकिन इस प्रणाली से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। कमलनाथ ने इस दौरान पार्टी में गुटबाजी को लेकर उठ रहे सवालों पर भी जवाब दिया।

कमलनाथ ने कहा कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव बैठक में इसलिए शामिल नहीं हो सके क्योंकि वे दोनों निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के यहाँ शादी समारोह में शामिल होने गए थे। कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने भी साफ किया कि बैठक में शामिल होने का मतलब कुछ और नहीं निकाला जाना चाहिए।

दरअसल, बैठक में बड़े नेताओं के शामिल नहीं होने को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस के भीतर अंतर्कलह की खबरों को हवा दे रही थी। ऐसे में अब कमलनाथ ने ऑल इस वेल का संदेश दिया है।