भोपाल। भोपाल के तीन थाना क्षेत्रों टीला जमालपुरा, हनुमानगंज और गौतमनगर में लगी धारा 144 को सोमवार रात को हटा लिया गया। लेकिन ज़मीन विवाद के जिस मामले को लेकर प्रशासन को कर्फ्यू तक लगाने की नौबत आन पड़ी, उसे लेकर एक नया खुलासा हुआ है। दरअसल ज़मीन जिस ट्रस्ट के नाम पर है उसके सभी सदस्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS या उसके सहयोगी संगठनों के किसी न किसी रूप में जुड़े हैं। फिर भी आरएसएस का कहना है कि ज़मीन विवाद से जुड़े इस मसले से उसका कोई लेना देना नहीं है। 

दरअसल यह ज़मीन विवाद का मामला राजदेव न्यास ने जीता है। राजदेव न्यास ने 1964 में इलियास अली और फैयाज अली से करीबन 6.51 एकड़ ज़मीन खरीदी थी। इसके बाद राजदेव परिवार ने 1971 में वहां राजदेव कॉलोनी का निर्माण किया। 37 हज़ार वर्ग फीट की ज़मीन को कम्युनिटी हॉल और पार्क के लिए आरक्षित किया गया था। राजदेव न्यास के सभी सदस्य आरएसएस या विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हुए हैं। विवादित ज़मीन संघ  कार्यालय के ठीक सामने है।

कौन कौन हैं राजदेव न्यास के सदस्य 

राजदेव न्यास नामक इस ट्रस्ट के अध्यक्ष विशंभर राजदेव हैं, जो इस समय विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत प्रमुख हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी भी इस ट्रस्ट के सचिव हैं। संघ के पूर्व प्रांत सरसंघचालक शशिभाई सेठ, विधायक विष्णु खत्री और पूर्व महापौर आलोक शर्मा भी इस ट्रस्ट के सदस्य हैं। 

भगवानदास सबनानी का कहना है कि यह पूरा ममाला वक्फ बोर्ड, राजदेव न्यास और शेख इस्माइल व सुलेमान के बीच चला। इसमें संघ को घसीटा जाना बिलकुल गलत है। सबनानी का कहना है कि इस पूरे विवाद में संघ कभी भी पक्षकार नहीं रहा। सबनानी ने कहा कि कोर्ट के आधार पर ज़मीन का कब्ज़ा पिछले साल दिसंबर में न्यास को सौंपा गया है। हमने दोबारा अनुमति लेकर यहां निर्माण कार्य शुरू किया है। दरअसल, तकनीकी रूप से आरएसएस भले ही इस मामले में पक्षकार नहीं हो, लेकिन राजदेव ट्रस्ट के सभी सदस्यों का संबंध संघ परिवार से होने की वजह से उसका नाम इस विवाद में आ ही जाता है।