भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रॉपर्टी खरीदना देश में जमीन खरीदने के मामले में सबसे महंगा सौदा हो गया है। जमीनों पर सबसे ज्यादा स्टांप ड्यूटी 9.5 % यहीं लगाई जाती है। साथ ही 3% रजिस्ट्रेशन चार्ज भी अलग से चुकाना होता है। यानी ग्राहक को कुल मिलाकर जमीन-मकान की असली कीमत से कहीं ज्यादा पैसा चुकाना पड़ता है।

वहीं कई इलाकों में गाइडलाइन की अधिक वैल्यू होने के कारण सौदे में दिक्कतें आ रही है। जिससे खरीदार अक्सर चिंतित रहते हैं। हालांकि महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर दो फीसदी की छूट मिलती है। इस वजह से प्रॉपर्टी की खरीद फिरोख्त बेहतर स्थिति में है। नतीजतन महिलाओं के नाम पर अधिक प्रॉपर्टी बुकिंग हो रही है।

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बात की जाए अन्य राज्यों की, जिनमें सिक्किम में मूल निवासी को प्रॉपर्टी खरीदने पर 1 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी अदा करनी होती है। छत्तीसगढ़ में 6.5%, महाराष्ट्र में 6%, राजस्थान में 8.8 %, बिहार में 8%, उत्तर प्रदेश में 7.5%, केरल में 8%, कर्नाटक में 5.65%,आंध्र प्रदेश में 5%, झारखंड में 4% और हरियाणा में 7% स्टांप ड्यूटी लगाई जाती है।

राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के संरक्षक पूर्व एडीएम जीपी माली ने जानकारी दी कि, राज्य में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री राज्य शासन द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन के अनुसार होती है। लेकिन राजधानी सहित प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां कलेक्टर गाइडलाइंस ज्यादा है। इससे प्रॉपर्टी के सौदे होने में दिक्कतें होती है। सरकार को मध्य प्रदेश में ली जाने वाली स्टांप ड्यूटी और अन्य राज्यों की तुलना अफसरों से करवानी चाहिए।