छिंदवाड़ा। एक तरफ सरकारी सिस्टम पर कोरोना काल में लोगों की मृत्यु होने के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र पर कोरोना मृतक का उल्लेख नहीं करने का आरोप लग रहा है, तो वहीं छिंदवाड़ा में इसके ठीक उलट ही मामला सामने आया है। छिंदवाड़ा के बोहनाखेड़ी गांव के जीवित लोगों के न सिर्फ मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए बल्कि उनके नाम पर दो दो लाख रुपए की राशि भी निकाल ली गई। इस पूरे मामले में पंचायत सचिव और जनपद के सीईओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। 



बोहनाखेड़ी गांव के रहने वाले 23 जीवित लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। इतना ही नहीं इसके एवज में दो दो लाख रुपए की राशि की भी निकासी हो गई। अहम बात यह कि इस पूरे घोटाले की भनक तक ज़िले के अधिकारियों तक को नहीं लगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मृत्योपरांत सरकारी योजना के 23 लाभार्थियों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर प्रति व्यक्ति पर दो लाख रुपए की निकासी की गई है।यह निकासी भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) नियम के आधार पर की गई। जबकि ये सभी व्यक्ति जीवित हैं।



कागजों पर मृत और असली में जीवित लोगों ने खुद के जिंदा होने का सबूत दिया है। जिन लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के जरिए राशि की निकासी की गई, उन्हें भी इसकी ज़रा भी भनक नहीं लगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों ने ज़िला प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।



इस पूरे मामले के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। कृषि मंत्री और छिंदवाड़ा ज़िले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने जांच के आदेश दिए हैं। कमल पटेल ने शनिवार को कलेक्टर से बात कर इस मामले की जांच करने के लिए कहा ही लेकिन साथ ही पूरे जिले में इस मामले के संबंध में जांच करने के आदेश दिए हैं।



एसडीएम अतुल सिंह ने कहा है कि एक तहसीलदार इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। अगर जनपद या पंचायत का कोई भी अधिकारी इस मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।





वहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने शिवराज सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़ा किया है। छिंदवाड़ा के मामले का जिक्र करते हुए जीतू पटवारी ने कहा है कि कोरोना के नाम पर छिंदवाड़ा में 23 जिंदा लोगों के मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी कर दिए! यही नहीं, 02-02 लाख रुपए की सहायता राशि भी निकाल ली। कांग्रेस नेता ने सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान जी,लगता है कोरोना में हुई "सरकारी-हत्याओं" में कुछ कमी रह गई है? तभी आपका "सिस्टम" अब जन-जीवन से खेल रहा है।