भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के सोशल मीडिया की कार्यशैली से नाराज हैं। शिवराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेस का सोशल मीडिया सेल काफी आक्रामक है और वह जिस तरह से काम कर रहा है वह चिंतित करने वाला है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शिवराज की बातों से सहमति जताई है और उन्होंने कहा है कि बीजेपी को भी आक्रामक होना पड़ेगा। मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा है आगामी विधानसभा उपचुनाव में जनता गद्दारों को सबक सिखाएगी।



राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि, 'बीजेपी अब घबराई हुई है। कांग्रेस से ग़द्दारी कर बीजेपी में गए लोगों का जनता तिरस्कार कर रही है और गांवों, मोहल्लों में घुसने तक नहीं दे रही है। बीजेपी को अब सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ का भी समर्थन नहीं मिल रहा है। इस वजह से शिवराज और महाराज दोनों चिंतित हैं।' कांग्रेस नेता ने कहा है कि चंबल का पानी क्रांतिकारी है ग़द्दारों को सबक़ सिखाएगा।







शिवराज मत भूलिए कुर्सी किसी की सगी नहीं होती



राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि शिवराज जी इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे सोशल मीडिया के योद्धाओं को आप पुलिस पर दबाव डाल कर झूठे प्रकरणों में फँसाएँ। आपने हमारे कई युवाओं को फर्जी मामलों में जेल भेजा है। यहाँ तक मुझ पर भी FIR दर्ज की गई लेकिन एक समान प्रकरण में जब मैंने आपके ख़िलाफ़ शिकायत की तो आज तक FIR दर्ज नहीं हुई।आपकी पुलिस ने जीतू पटवारी पर भी FIR दर्ज की लेकिन कॉंग्रेस की शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की गई। यह दोहरा मापदंड नहीं चलेगा। यह मत भूलिए कुर्सी किसी की सगी नहीं होती।




दरअसल, जब से सिंधिया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए हैं तब से कांग्रेस लगातार बागियों पर जनादेश को बेचने का आरोप लगा रही है। वहीं बीजेपी का सोशल मीडिया इसके बचाव में आक्रामक नहीं है। ऐसे में बीजेपी नेताओं को लग रहा है कि बीजेपी सोशल मीडिया पर कमजोर होती जा रही है। इसी बात को लेकर शिवराज ने नाराजगी जाहिर करते हुए चिंता जताई है वहीं सिंधिया भी शिवराज की बातों से सहमत हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी को सोशल मीडिया पर और आक्रामक होना होगा।




बागी विधायक कर रहें हैं जनता के विरोध का सामना



पूर्व में जहां बीजेपी को सोशल मीडिया के लिए पारंगत माना जाता था वहीं मध्यप्रदेश में इसबार इसका असर नहीं दिख रहा है। कांग्रेस इस बात को लेकर भी आक्रमण है कि सिंधिया जब 2019 लोकसभा चुनाव में खुद नहीं जीत सके तो अपने समर्थकों को कैसे जिताएंगे। ग्वालियर-चंबल की जनता में कांग्रेस लगातार इस मैसेज को वायरल कर रही है। वहीं कई जगहों पर कांग्रेस से बागी हुए विधायकों को जनता के विरोध का भी सामना करना पड़ा है।



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कांग्रेस भी अपनी नीति को लेकर स्पष्ट है कि वह जनता की बीच जाकर उन्हें बताएगी की इन्होंने पैसों के खातिर आपके वोट और जनादेश का अपमान किया है। ऐसे में मध्यप्रदेश की 27 सीटों पर होने वाला आगामी विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। अब देखना यह होगा कि कौन सी पार्टी वोटरों को किस हद तक साधने में सफल होती है।