भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना टीकाकरण के संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टर्स और कमिश्नर्स के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स से कहा है कि वे 16 जनवरी को जिलों में पहला टीका सफाई कर्मचारी को लगवाने की कोशिश करें।



मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन में कोई अंत नहीं है। कोवैक्सीन की वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक मज़दूर की भोपाल में मौत होने के बाद इस पर काफी सवाल उठे। मुख्यमंत्री का यह स्पष्टीकरण उसी बारे में है। विपक्ष बार-बार कहता रहा है कि कोरोना वैक्सीन पर लोगों का भरोसा कायम करने के लिए सबसे पहले मुख्यमंत्री को खुद टीका लगवाना चाहिए, लेकिन शिवराज सिंह साफ कर चुके हैं कि वे पहले टीका नहीं लगवाएंगे। 



मुख्यमंत्री ने आज बैठक में कहा कि कोरोना का टीका सबसे पहले हेल्थकेयर वर्कर्स जैसे डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ को लगेगा, फिर फ्रंट लाइन वर्कर्स जैसे पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, रेवेन्यू अमले को टीका लगेगा और तीसरे चरण में 50 साल से ज़्यादा उम्र लोगों का वैक्सीनेशन होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद बारी आने पर लगेगा टीका। इस बारे में किसी की सिफारिश नहीं चलेगी। इसके बाद आगे की व्यवस्था बनाई जाएगी। 



 





मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीन से जुड़े भ्रम दूर करने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी धर्मों के धर्मगुरुओं से अपील की है कि वे लोगों को जागरुक करें। प्रशासन की प्राथमिकता के बारे में लोगों को बताया जाए। अगर कोई टीके के लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश करेगा तो प्रशासन उनसे सख्ती से निपटेगा।





उन्होंने बैठक में कहा कि 4 लाख 17 हज़ार लोग पहली श्रेणी में शामिल हैं। प्रदेश को 5 लाख 6 हज़ार डोज़ मिल चुके हैं। किसी को भी बिना रजिस्ट्रेशन टीका नहीं लगेगा। नंबर आने पर ही वैक्सीनेशन हो सकेगा। उन्होंने साफ किया कि टीका लगवाने के लिए किसी की सिफ़ारिश काम नहीं आएगी। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण का अभियान है। मुख्यमंत्री ने कोरोना से निपटने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश में व्यवस्थाएं बनाने का समय मिल गया था। पूरा प्रदेश एकजुट होने की वजह से प्रदेश में कोरोना कंट्रोल में रहा। सभी इंतजाम वक्त पर कर लिए गए।