इंदौर। इंदौर में कलेक्टर और ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी के बीच चल रही लड़ाई अब थम गई है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने डॉ पूर्णिमा गाडरिया से माफी मांग ली है। जिसके बाद कलेक्टर के विरोध में उतरे स्वास्थ्यकर्मी अपने काम पर वापस लौट गए हैं। 

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि प्रशासनिक कार्य करने के दौरान नाराज़गी हो जाती है। मनीष सिंह ने कहा कि हम सब जनता के लिए काम कर रहे हैं इसलिए हमारे बीच ईगो वाली कोई बात नहीं है। कलेक्टर ने कहा कि अगर उन्हें किसी भी तरह से बुरा लगा है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। कलेक्टर ने कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का बिल्कुल भी नहीं था। 

दरअसल बुधवार को कलेक्टर की फटकार के बाद ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गाडरिया ने इस्तीफा दे दिय था। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा था कि कलेक्टर ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया है। और उन्हें सस्पेंड करने की धमकी दी है। इसके बाद शहर के डॉक्टरों ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कलेक्टर के निलंबन की मांग करने लगे।

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डॉक्टरों के विरोध को देखते हुए प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, उषा ठाकुर समेत स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ डॉक्टरों की रेसीडेंसी हॉल में बैठक हुई। शुक्रवार सुबह दो घंटे चली यह बैठक बेनतीजा रही। जिसमें डॉक्टरों ने कलेक्टर को तीन दिन में हटाने का अल्टीमेटम दे दिया। लेकिन इसके थोड़ी ही देर बाद दोनों ही पक्ष संभायुक्त कार्यालय में बैठे और विवाद सुलझ गया।