भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाने के फैसले से प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कर रहे हैं।

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वही दूसरी ओर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने गलत आकड़ें प्रस्तुत किए, जिसके कारण पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निरस्त हुआ।

कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और केंद्र सरकार, संसद को प्रस्तावित करे कि संविधान संशोधन विधेयक पारित कर पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में प्रस्तावित 35% आरक्षण ओबीसी वर्ग को मिले।

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आज पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि "मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह ने राजीव गांधी के सपनों को साकार करने के लिए पंचायती राज अधिनियम बनाया, रोटेशन से समाज के सभी वर्गों को मौका मिला और 5 बार चुनाव हुए।"

"लेकिन मौजूदा राज्य सरकार ने नया अध्यादेश लाकर व्यवस्था को चौपट कर दिया। भाजपा सरकार ने प्रदेश के पिछड़े वर्ग के लोगों पर कुठाराघात किया है।"  इस प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी सम्मिलित हुए।